गांधीनगर: भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई ने स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर एक कड़ा फैसला लिया है। भाजपा 21 फरवरी को होने वाले छह नगर निगमों सहित स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नेताओं के भाई, भांजे व भतीजे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टिकट नही देगी। इसके अलावा तीन कार्यकाल के उम्मीदवारों को अब टिकट नहीं दिया जाएगा।
गुजरात भाजपा की संसदीय बोर्ड की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हुई है। बैठक में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल की मौजूद हैं। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि संसदीय बोर्ड ने उम्मीदवारी को लेकर तीन बड़े निर्णय लिए हैं। इनमें स्थानीय निकाय चुनाव में इस बार 60 साल से अधिक और तीन कार्यकाल पूरे करने वाले कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दी जायेगी। इसके अलावा नेताओं के रिश्तेदारों को भी टिकट नहीं दी जायेगी। बताया गया कि राज्य के छह नगर निगमों के मेयर पद के लिए प्रतिदिन दो नगर निगम के नाम तय किये जायेंगे।
अहमदाबाद नगर निगम के मेयर बनने के लिए भाजपा से कई उम्मीदवार अपनी दावेदारी कर रहे हैं। शहर में चुनाव हर हाल में जीतने के लिए भाजपा के अलग-अलग गुटों के मेयर उम्मीदवारों के बीच तालमेल कराने के प्रयास तेज हो गये हैं। माना जा रहा है कि अहमदाबाद के अधिकांश टिकट अमित शाह की सलाह पर ही तय होंगे। कई विधायक और सांसद भी अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में लगे हैं।
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राज्य भाजपा प्रदेश में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में पूरी रणनीति से मैदान में उतर रही है। भाजपा ने तीन पर्यवेक्षकों की एक टीम के माध्यम से नगर निगम लेकर पंचायत और नगरपालिका स्तर पर कार्यकर्ताओं से जानकारी ली। इसके बाद चुाव लड़ने के इच्छुक और जीतने योग्य उम्मीदवारों का पैनल बनाकर संसदीय बोर्ड को भेजा है। कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर पर्यवेक्षकों ने प्रति वार्ड 16 नामों की सूची तैयार की है और प्रत्येक वार्ड के लिए एक पैनल बनाया है। इन संभावित लोगों की उम्मीदवारी पर संसदीय बोर्ड की बैठक विचार होगा। माना जा रहा है कि संभावित उम्मीदवारों की सूची 04 फरवरी को सार्वजनिक की जाएगी।