कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) में शुक्रवार को भाजपा विधायकों ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया। भाजपा विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर विधानसभा गेट पर धरना भी दिया। भाजपा विधायक नरहरि महतो ने कहा कि आलू, प्याज व अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कीमतों पर नियंत्रण का आश्वासन दिया था, लेकिन प्रशासन इस पर अमल नहीं कर रहा है। कृषि मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने कहा कि आलू 28 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया।
कृषि मंत्री ने दिया जवाब
बाद में चटर्जी ने स्पष्ट किया कि सुफल दुकानों में आलू 28 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जिससे अन्य दुकानों में भी कीमतें कम हुई हैं। चटर्जी ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम को अप्रासंगिक बना दिया है, जिससे राज्य के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग करना मुश्किल हो गया है। भाजपा विधायक महतो, शुभेंदु अधिकारी व शंकर घोष ने कहा कि राज्य व निजी बिजली कंपनियां बिजली की दरें बढ़ा रही हैं। हालांकि, इसके जवाब में चटर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विद्युत वितरण कंपनी की बिजली दरें देश में सबसे कम हैं। सरकार ने सीईएससी से दरों को तर्कसंगत रखने को कहा है।
बिचौलियों की भूमिका पर ध्यान देने की जरूरत
बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने कहा कि भाजपा शासित सभी राज्यों में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं। पश्चिम बंगाल विद्युत वितरण लिमिटेड की दर 7.12 रुपये प्रति यूनिट है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट करीब 30 भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने ‘इतना महंगा है, खाओगे क्या?’ जैसे नारे लगाकर विरोध जताया। भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा कि सरकार बिचौलियों की भूमिका पर ध्यान नहीं दे रही है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के विधायक विश्वनाथ दास की कार विधानसभा पहुंची और विरोध कर रहे भाजपा विधायकों के पास से गुजरी। भाजपा के दो विधायकों ने आरोप लगाया कि वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा कि तृणमूल विधायक का यह रवैया राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी की विपक्ष के प्रति नफरत को दर्शाता है।
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दास ने भाजपा विधायकों के दावे को खारिज करते हुए कहा कि कार बहुत धीमी गति से चल रही थी। चालक ने किसी को छूने से बचने के लिए सावधानी बरती थी। स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि भाजपा का राजनीतिक एजेंडा है। अन्यथा, जब उन्हें प्रस्ताव लाने की अनुमति दी गई थी और सदन में चर्चा हुई थी, तो वे वॉकआउट और विरोध क्यों करते।
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