नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस दौरान भाजपा राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी एवं राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी संजय मयूख भी मौजूद रहें।
जेडीयू के दिग्गज नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का पार्टी में स्वागत करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और जॉर्ज फनार्डीस के नेतृत्व में बिहार को जंगलराज से मुक्त कर कानून का राज स्थापित करने, राज्य का विकास करने और सबको सुरक्षा देने के लिए एक गठबंधन किया गया था जिसे भाजपा ने लंबे समय तक चलाया लेकिन अपने स्वार्थ के लिए जब नीतीश कुमार ने साथ छोड़ने का फैसला किया तो जेडीयू में रहते हुए भी आरसीपी सिंह ने उन्हें समझाने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि सिंह के आने से बिहार में भाजपा और ज्यादा मजबूत होगी।
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RCP ने सीएम नीतीश पर कसा तंज
भाजपा में शामिल होते ही दिग्गज नेता आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। सीएम नीतीश को बिहार के हालातों का जिम्मेदार ठहराते हुए 2024 लोकसभा चुनाव के देखते हुए उनके द्वारा चलाए जा रहे विपक्षी एकता की मुहिम पर भी तंज किया। आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार सोचिए आज देश कहां पहुंच गया और बिहार कहां खड़ा है? भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है।
नीतीश कुमार पिछले तीन दिनों से बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों में घूम रहे हैं, विपक्षी एकता का प्रचार कर रहे हैं, लेकिन बताएं कि विपक्षी गठबंधन का नेता कौन है? नीतीश कुमार की पीएम बनने की इच्छा पर निशाना साधते हुए सिंह ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार पीएम थे, हैं और रहेंगे। राजद के खिलाफ लड़ने वाले नीतीश कुमार अब आजीवन उसी राजद के साथ रहने की बात कर रहे हैं।
इसलिए नीतीश-आरसीपी सिंह के संबंधों में आई खटास
गौरतलब है कि आरसीपी सिंह एक जमाने में नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते थे। नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया था। भाजपा-जेडीयू गठबंधन के समय जेडीयू के कोटे से आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री भी बने थे, लेकिन बाद में नीतीश कुमार के साथ उनके संबंधों में खटास आती गई। नीतीश द्वारा उन्हें राज्य सभा में नहीं भेजने के कारण उन्हें मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा और जेडीयू भी छोड़ना पड़ा था।
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