नई दिल्लीः कर्नाटक के मंत्री दयानिधि स्टालिन के बाद बिहार के मंत्री चंद्रशेखर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। दयानिधि के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर सनातन धर्म के अनुयायियों ने कड़ा रुख अपनाया है। मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि बिहार के मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) की रामचरित मानस पर टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। इसे दयानिधि स्टालिन के सनातन धर्म को खत्म करने वाले बयान से जोड़कर देखा जा रहा है।
बिहार के मंत्री चंद्र शेखर (Chandrashekhar) के इस बयान पर कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, उत्तर प्रदेश के मंत्री जितिन प्रसाद कहते हैं, ‘भारत एलायंस और उसके नेता सनातन धर्म को नष्ट करने की बात करते हैं। आने वाले समय में जनता इसका जवाब देगी। सनातन धर्म को नष्ट करने की बात करने वाले स्वयं नष्ट हो जायेंगे।
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लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान कहते हैं, वह उस राज्य के शिक्षा मंत्री हैं जहां वर्षों से पाठ्यक्रम खत्म नहीं हुआ है। जहां प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। जहां छात्रों के लिए बुनियादी ढांचा और बेंच नहीं है। ऐसे विवादित बयान देने वालों को कोई भी पहचान सकता है। इससे समाज में विभाजन को बढ़ावा मिलेगा। चिराग पासवान ने पूछा कि क्या शिक्षा मंत्री ने एक बार यह जानने की कोशिश की कि बिहार के छात्र कोटा में आत्महत्या का प्रयास क्यों कर रहे हैं।
‘राम’ को जहर कहने का साहस-पात्रा
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर के ‘रामचरितमानस पोटैशियम साइनाइड’ वाले बयान पर बीजेपी नेता संबित पात्रा का कहना है कि इंडी गठबंधन के लोगों के बयान हिंदू धर्म के प्रति जहर से भरे हुए लगते हैं। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के लोग कहते हैं कि रामचरितमानस पोटेशियम साइनाइड है जबकि इसमें करोड़ों लोगों की आस्था है। संबित पात्रा ने कहा है कि जो लोग ‘राम’ को जहर कहने का साहस करते हैं, वे इस देश की मूल आस्था पर सवाल उठा रहे हैं और उस पर चोट कर रहे हैं। जनता उनका बहिष्कार करेगी।
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