प्रदेश उत्तर प्रदेश Featured

भास्कर की तपिश पर भारी पड़ी आस्था, मां विंध्यवासिनी के दरबार में भक्तों का लगा तांता

मीरजापुरः चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन चिलचिलाती धूप के बावजूद मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के लिए घंटे भर से अधिक देर तक श्रद्धालु लाइन में खड़े रहे। श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के चंद्रघंटा के स्वरूप का दर्शन- पूजन कर अपने को धन्य किया। तपती दोपहरी भी श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन करने से नहीं डिगा पाई। नवरात्र के तीसरे दिन लगभग साढ़े तीन लाख भक्तों ने मां के दरबार में मत्था टेका। मां विंध्यवासिनी के दरबार में नवरात्रि के पहले दिन से ही भक्तों के आने का क्रम बना हुआ है। मां विंध्यवासिनी के गर्भगृह एवं मंदिर की तरफ जाने वाली गलियों में लगभग पांच सौ मीटर लंबी लाइन मंगला आरती के बाद से ही लगी रही।

श्रद्धालु हाथ में नारियल-चुनरी, इलायची दाना, माला-फूल लिए श्रद्धाभाव से लाइन में खड़े हो कर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। इससे पहले भोर में ही श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। इसके बाद नए वस्त्र धारण कर मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच गए। मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही श्रद्धालु मां का जयकारा लगाते हुए गर्भगृह में पहुंच कर दर्शन पूजन करने में जुट गए। श्रद्धालु मां के जयकारे के साथ दर्शन पूजन कर आगे बढ़ते रहे। शंख ध्वनि, घंटा घड़ियाल की आवाज के बीच भोर से लेकर देर रात तक दर्शन पूजन में व्यस्त रहे। तपती दोपहरी के बावजूद मां के श्रृंगार के लिए दोपहर में कुछ देर के लिए माता के कपाट को बंद कर दिया गया था। इसके भक्तों की लाइन लंबी हो गई। मां के शृंगार के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही दर्शन पूजन का सिलसिला शुरू हुआ तो देर रात तक चलता रहा। मंदिर की तरफ जाने वाली जयपुरिया गली, पुरानी वीआईपी, सदर बाजार, न्यू वीआईपी आदि गलियों में पुलिस श्रद्धालुओं की मदद के लिए मौजूद रही। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर भी पूरे दिन श्रद्धालु दर्शन पूजन कर त्रिकोण परिक्रमा करने में जुटे रहे।

झांकी दर्शन करने वालों की रही भीड़
ऐसी मान्यता के है नवरात्रि में मां विंध्यवासिनी खुद मंदिर से बाहर आकर अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। शायद यही वजह है कि गर्भगृह की अपेक्षा झांकी दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ आम दिनों की अपेक्षा अधिक रही।

यज्ञोपवीत व मुंडन संस्कार कराने की होड़
नवरात्रि में विंध्याचल धाम में मुंडन संस्कार के साथ ही यज्ञोपवीत संस्कार कराने का सिलसिला जारी है। मान्यता है कि नवरात्र का हर दिन शुभ कार्य के अनुकूल होता है। लिहाजा विंध्याचल मंदिर में यज्ञोपवीत संस्कार कराने वाले पुराहितों और यजमानों की भीड़ रही।

दण्डवत की मुद्रा में दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु
विंध्याचल माता के दरबार में अटूट आस्था के वशीभूत हो भक्त खींचे चलते आ रहे हैं। मां के धाम में भक्तों के आने और अपना विश्वास प्रकट करने का तरीका भी अलग-अलग और रोचक होता है। कुछ श्रद्धालु दण्डवत की मुद्रा में मां के दरबार में दर्शन-पूजन करने के लिए पहुंच रहे है। ऐसे भक्तों की आस्था तपती सड़क भी नहीं डिगा पा रही है।

पंडा समाज कर रहा सहयोग
श्रीविंध्य पंडा समाज की ओर से श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए विंध्याचल के मुख्य मंदिर पर तैनात किये गए 10-15 तीर्थ पुराहित निर्धारित नियम के अनुसार श्रद्धालुओं को सहायता प्रदान कर रहे हैं। दर्शन कराने से लेकर लाइन में खड़े दर्शनार्थियों को भी हर संभव सहायता कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें..अनुराग ठाकुर बोले- प्रसारण सेवा पोर्टल से इको सिस्टम में बढ़ेगी...

मां काली एवं अष्टभुजा देवी का लिया आशीर्वाद
विंध्याचल माता के दर्शन करने के बाद त्रिकोण पथ पर स्थित मां काली और अष्टभुजा देवी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की रिकाॅर्ड भीड़ पहुंच रही है। मंदिर की सीढ़ियों पर ऊपर से लेकर नीचे तक लंबी कतार लग रही है। यहां से दर्शन करने के बाद भक्त माता विंध्याचल का दर्शन कर त्रिकोण परिक्रमा का फल प्राप्त कर रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक ने जांची मेले की सुरक्षा
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने विंध्याचल मेला क्षेत्र का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। भ्रमण करने के बाद एसपी ने प्रत्येक ड्यूटी प्वाइंट पर तैनात मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)