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CM मान का केंद्र पर कड़ा प्रहार, कहा- मोदी एंड कंपनी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा

Bhagwant Mann-Parliament नई दिल्लीः पंजाब के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर 'विपक्ष की आवाज दबाने' और 'देश में नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने' का आरोप लगाया है। सीएम कहा कि मोदी एंड कंपनी देश के लोकतंत्र के लिए खतरा खड़ा कर रही है। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ विरोध कर रहे विपक्षी सांसदों में शामिल हुए मान ने कहा कि दुर्भाग्य से सत्तारूढ़ गठबंधन सदस्यों को सार्वजनिक चिंता के मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं देता है। अगर देश को पीएम, गृह मंत्री और 28 राज्यपालों के द्वारा ही चलाना है तो देश में चुनाव करवाकर पैसा बर्बाद करने की क्या जरूरत है।

हंगामे के बीच पारित विधेयक लोकतंत्र पर कलंक

सीएम मान ने कहा कि अगर कोई सांसद अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सदन के बीच में आता है, तो उसे गैरकानूनी तरीके से निलंबित कर दिया जाता है, जो बहुत शर्मनाक है। जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की आवाज को दबाने का यह तानाशाही तरीका 'लोकतंत्र के मंदिर' में अनुचित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तानाशाही शासन में राजनीतिक लाभ के लिए विपक्ष को चुप कराना कोई नई बात नहीं है। पिछले नौ वर्षों में विभिन्न उपकरणों का उपयोग करके सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा विपक्ष को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों की सहमति के बिना सदन में हंगामे के बीच विधेयक पारित किये गये। यह पूरे लोकतंत्र पर कलंक है।' ये भी पढ़ें..Jharkhand Monsoon Session: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से, निषेधाज्ञा लागू

मोदी एंड कंपनी लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा

मुख्यमंत्री (Bhagwant Mann) ने कहा कि सभी सांसद विवेकशील होकर संजय सिंह के साथ हैं और यहां विरोध कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को अपने 'मन की बात' में बात करना तो पसंद है लेकिन देश की जनता क्या कहना चाहती है वो ये सुनने के लिए कभी तैयार नहीं होते। देश की समझदार और लोकतंत्र प्रेमी जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी और भाजपा को करारा सबक सिखाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी एंड कंपनी देश में लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है। उन्होंने कहा कि 'अगर देश को प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और उनके 28 राज्यपालों सहित 30 लोगों द्वारा चलाया जाना है, तो चुनाव कराने पर भारी पैसा क्यों बर्बाद किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है जिसे तुरंत रोकने की जरूरत है।' (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)