Bangladesh, नई दिल्लीः बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बड़ा झटका लगने की संभावना है। बांग्लादेश संकट के कारण दोनों देशों के व्यापारियों को एक बार में करोड़ों रुपये का नुकसान होने का डर है। मौजूदा राजनीतिक संकट के कारण सुरक्षा कारणों से भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा को सील कर दिया गया है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच दैनिक जरूरतों की आपूर्ति करने वाले करीब 600 ट्रक फंस गए हैं।
भारत की रही है बिग ब्रदर की भूमिका
सब्जियों और अनाज से लेकर कपड़े और मछली तक, दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात होता है। बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। इसी तरह, बांग्लादेश एशिया महाद्वीप में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है। बांग्लादेश में राजनीतिक संकट के बाद दोनों देशों के बीच चल रहे द्विपक्षीय व्यापार के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत और बांग्लादेश के बीच अब तक के द्विपक्षीय व्यापार में भारत की भूमिका ‘बिग ब्रदर’ की रही है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान दोनों देशों के बीच 14 अरब डॉलर (करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार हुआ। इसमें भारत ने बांग्लादेश से करीब दो अरब डॉलर का सामान आयात किया, जबकि 12 अरब डॉलर का सामान बांग्लादेश को निर्यात किया गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में और बढ़ोतरी की उम्मीद थी, लेकिन बांग्लादेश संकट के कारण इस द्विपक्षीय व्यापार को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
हर दिन होता है करोड़ों का व्यापार
बाजार विशेषज्ञ जयंत महापात्रा के अनुसार भारत और बांग्लादेश के बीच हर दिन करोड़ों रुपये का व्यापार होता है। बड़े सामानों के अलावा दोनों देशों के बीच रोजमर्रा की जरूरतों का भी खूब व्यापार होता है। बांग्लादेश से हर दिन बड़ी मात्रा में मछली का आयात होता है। हिल्सा मछली के उत्पादन में बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत में हिल्सा मछली का बड़े पैमाने पर आयात होता है। वहीं, भारत से रोजाना करोड़ों रुपये की सब्जियां और फल बांग्लादेश भेजे जाते हैं। इसके अलावा भारत बांग्लादेश को बड़े पैमाने पर पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, कपास और भारी मशीनरी का निर्यात भी करता है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद इस पूरे कारोबार पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई है।
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भारतीय निर्यातक सुमित घोषाल के अनुसार निर्यातकों और आयातकों के 600 से अधिक ट्रक दोनों देशों की सीमाओं के अंदर फंसे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश में दैनिक जरूरतों का सामान भरा हुआ है। गड़बड़ी की आशंका के चलते भारतीय सीमा को सील कर दिया गया है, जिसके कारण न तो भारत से कोई ट्रक बांग्लादेश जा पा रहा है और न ही बांग्लादेश से कोई ट्रक सामान लेकर भारत आ पा रहा है। ऐसे में दैनिक जरूरतों की वस्तुओं का व्यापार करने वाले निर्यातकों और आयातकों को भारी नुकसान होने की संभावना है। घोषाल के अनुसार यदि भारत-बांग्लादेश सीमा को जल्द नहीं खोला गया तो ट्रकों में लदा अधिकांश सामान खराब हो सकता है, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान होगा।
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