Bangladesh Violence, ढाका: बांग्लादेश में सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद चटगांव में हुई हिंसा में एक वकील की हत्या से उत्पन्न स्थिति पर आज हाईकोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार इस पर जरूर गौर करेगी। यह याचिका वकील मोनिरुज्जमां ने बुधवार को दायर की थी।
प्रतिबंध पर सरकार करेगी गौरः हाईकोर्ट
इसमें इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और चटगांव व रंगपुर में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए आपातकालीन उपायों को लागू करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अटॉर्नी जनरल को तलब किया था। आज सुनवाई के दौरान वकील मोनिरुज्जमां ने कहा कि अब इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया है। इस पर हाईकोर्ट ने जवाब दिया कि सरकार इस पर जरूर गौर करेगी।
Bangladesh Violence: 33 लोगों को किया गया गिरफ्तार
इससे पहले अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल बैरिस्टर अनिक आर हक और डिप्टी अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुद्दीन ने जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी की हाईकोर्ट बेंच को सरकार के रुख से अवगत कराया। हाईकोर्ट को बताया गया कि चटगांव में एक वकील की हत्या के बाद पूर्व इस्कॉन नेता की गिरफ्तारी के बाद अशांति या अराजकता पैदा करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ राज्य ने कड़ा रुख अपनाया है। यह मामला सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। घटना के संबंध में तीन मामले दर्ज किए गए हैं और 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस मुद्दे से उत्पन्न किसी भी अशांति को रोकने के लिए काम कर रही हैं।
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इसके बाद अटॉर्नी जनरल एमडी असदुज्जमां ने कहा कि कुछ दल कई तरीकों से देश को अस्थिर करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हुए हालिया मुद्दों को लेकर राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी कानून-व्यवस्था खराब करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
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