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पंचायत चुनाव में जीत दर्ज कर आजाद समाज पार्टी ने बसपा के लिए खड़ी की मुसीबत

Bhim Army chief Chandrasekhar Azad. (File Photo: IANS)

लखनऊः पंचायत चुनाव के परिणामों में बसपा का गढ़ कहे जाने वाले पश्चिमी यूपी के इलाके में पहली बार अस्तित्व में आयी चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी ने जिस प्रकार अपनी आमद दर्ज करायी है, उससे साफ संकेत हैं कि ये पार्टी बसपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। भीम आर्मी की राजनीतिक विंग आजाद समाज पार्टी ने दलितों में अपनी पकड़ बढ़ने का अहसास पंचायत चुनावों के जरिए करवा दिया है।

पहली बार पंचायत चुनाव में उतरी आजाद पार्टी का दावा है कि उनके इस चुनाव में 40 से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी विजय हुए हैं। पश्चिमी यूपी मायावती का गढ़ माना जाता है। इस गढ़ की बदौलत वह कई बार सत्ता पर काबिज हुई हैं। लेकिन इस बार के पंचायत चुनाव में आजाद पार्टी ने यहां के कई जिलों में जीत दर्ज की है। इससे बसपा के गढ़ में सेंधमारी के संकेत देखे जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आजाद पार्टी ने पंचायत चुनाव में सीटें जीतकर अपना मजबूत स्थान बना लिया है। जिस तरह से युवा इस पार्टी के साथ जुड़ रहा है। ऐसे में आने वाले समय में इस पार्टी का कद बढ़ने के आसार बनते दिख रहे है।

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आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील चित्तौड़ का कहना है कि हम सर्व समाज की राजनीति कर रहे हैं। हमें किसी एक विशेष दल के विरोध या पक्ष में जोड़कर न देखा जाए। उन्होंने कहा कि हमें पंचायत चुनाव में 40 से अधिक सीटें मिली हैं। हमारा मकसद संविधान में जो हक जनता को नहीं मिला, उसको सत्ता के माध्यम से दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। हम किसी के विरोध के लिए नहीं खड़े हुए है।