Wednesday, November 27, 2024
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Ram Mandir: आज से शुरू हुआ प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान, जानें अयोध्या में 7 दिन तक क्या-क्या होगा?

Ram Mandir Prana Pratishtha: अयोध्या में वह शुभ घड़ी अब नजदीक आ गई है। जब 22 जनवरी 2024 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। पीएम मोदी द्वारा अभिषेक के बाद 70 एकड़ में फैला यह मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके लिए पूजा और अनुष्ठान का सिलसिला आज मंगलवार यानी 16 जनवरी से शुरू हो हो गया है, जो 22 जनवरी तक चलेगा। जानें 16 से 22 जनवरी तक प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी पूजा प्रक्रिया में किस दिन क्या होगा….

अयोध्या में 16 जनवरी से 22 जनवरी तक क्या-क्या होगा? 

  • 16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
  • 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश
  • 18 जनवरी को गर्भ गृह में राम लला की मूर्ति विराजित होगी। साथ ही जल यात्रा, जलाधिवास, गंधाधिवास और तीर्थ पूजन होगा।
  • 19 जनवरी को घृताधिवास, औषधाधिवास, केसराधिवास, धान्याधिवास पूजन ।
  • 20 जनवरी को फलाधिवास, पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास पूजन।
  • 21 जनवरी को मध्याधिवास, शय्याधिवास पूजन।
  • 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

बता दें कि राम मंदिर में 121 आचार्य होंगे जो समारोह की सभी अनुष्ठान प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करेंगे। श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और मार्गदर्शन करेंगे। काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। 18 जनवरी को रामलला की गहरे रंग की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। इस मूर्ति को कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाया है।

ये भी पढ़ें..22 जनवरी को राम अयोध्या नहीं आएंगे, लालू के लाल तेज प्रताप ने कहा- सपने में हुई थी भगवान से बातचीत

कौन हैं मूर्तिकार अरुण योगीराज?

मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों के परिवार से आने वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक मांग वाले मूर्तिकार हैं। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। अरुण योगीराज के दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था। अरुण योगीराज भी बचपन से ही नक्काशी के काम से जुड़े रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक अरुण एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक एक निजी कंपनी में काम किया। लेकिन मूर्तिकला पेशे में उनकी जन्मजात कुशलता के कारण उनका काम करने में मन नहीं लगा। इसके बाद 2008 से उन्होंने नक्काशी के क्षेत्र में अपना करियर जारी रखा।

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