Ayodhya Ram Mandir: अयोध्याः श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नेतृत्व में अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। ट्रस्ट के मुताबिक, जनवरी 2024 में मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। अगले साल दुनिया के सबसे दिव्य और भव्य राम मंदिर में श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर तय समय सीमा से पहले बनकर तैयार हो जायेगा। मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है।
सूर्य की किरणें रामलला के माथे पर पड़ेंगी
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई हैं। प्रथम तल का निर्माण कार्य हो चुका है। मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है। जिसकी आयत 800 गुना 800 मीटर की बताई जा रही है। गर्भगृह के बाहर मंडप बनाया जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा कर श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे। प्रथम चैत्र रामनवमी पर सूर्य की किरणें भगवान के माथे पर पड़ेंगी। इसकी व्यवस्था की जा रही है। राम लला के सामने 300 से 400 लोग एक साथ आकर दर्शन कर सकते हैं। 500 साल के इंतजार के बाद मंदिर का निर्माण हो रहा है। ग्राउंड फ्लोर में फ्लोरिंग, लाइट्स और डिटेल्स का काम अभी बाकी है। ज्यादातर काम पूरा हो चुका है।
राम मंदिर के आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा मंडप
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि ’’ग्राउंड फ्लोर में पांच मंडप हैं। मंडप राम मंदिर के आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। मुख्य मंडप से सदैव भगवान की ध्वजा फहरायी जायेगी। ग्राउंड फ्लोर का ढांचा तैयार है। मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत का निर्माण हो चुका है। फर्श और बाहरी काम अभी बाकी है। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में 166 खंभों पर मूर्तियां तराशने का काम चल रहा है। इसके साथ ही मंदिर के गर्भगृह में 6 स्तंभ सफेद संगमरमर के हैं। जबकि बाहरी खंभे गुलाबी बलुआ पत्थर से बने हैं।
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दिसंबर में तैयार हो जाएगा राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर
ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम दिसंबर में पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस दौरान पहली मंजिल का ढांचा भी तैयार हो जाएगा। दिसंबर 2024 तक राम मंदिर का ढांचा पूरी तरह तैयार हो जाएगा। शेष नक्काशी का कार्य वर्ष 2025 में पूरा होगा। वर्ष 2024 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम चैत्र रामनवमी के दिन भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। रामनवमी के दिन ठीक दोपहर 12 बजे राम मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति पर कुछ देर के लिए सूर्य की किरणें पड़ेंगी। इससे जन्म के समय रामलला का दर्शन अत्यंत दिव्य और भव्य होगा। भगवान श्री राम ने सूर्य वंश में जन्म लिया है। अपने जन्म के बाद सूर्य इस भूमि पर श्रीराम लला का स्वागत करेंगे। खगोलशास्त्री इस पर काम कर रहे हैं। भगवान श्रीराम के जन्म के समय बहुत तेज धूप होती है। साथ ही ठंडक मिलती है। धीमी, ठंडी हवाएं सरयू के जल को छूकर भगवान तक पहुंचती हैं।
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