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असम में बाढ़ का तांडवः नर्क बनी जिंदगी, लाशों के साथ रहने को मजबूर लोग

गुवाहाटीः बाढ़ की विभीषिका झेल रहे असम की स्थित भय वह होती जा रही है। बाढ़ से असम में अब तक 108 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। खबरों मुताबिक लोगों को बाढ़ से बचने के लिए हाईवे पर शरण लेना पड़ रहा है। लोग बाढ़ से बचने के लिए हाईवे किनारे टेंट डालकर रह रहे हैं। राहा विधानसभा क्षेत्र के 155 गांवों के करीब 1.42 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

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असम के सिलचर शहर के निवासियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बाढ़ के कारण सभी श्मशान और कब्रिस्तान पानी में डूब गए हैं। लोग इमारतों में अपनों के बेजान शवों के साथ रहने को मजबूर है। कुछ लोग शवों को कब्रगाह की तलाश में अस्थायी नावों में ले जा रहे थे। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायु सेना के संचयी प्रयासों के बावजूद अब तक नागरिकों को कोई राहत नहीं मिली है।

बराक नदी के जलस्तर में मामूली कमी के बावजूद बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है। सिलचर के नागरिकों को अभी भी पीने के पानी और भोजन की सख्त जरूरत है, उनमें से हजारों अभी भी इमारतों के अंदर फंसे हुए हैं और निचली मंजिल पूरी तरह से जलमग्न है। हालांकि जिला प्रशासन राहत सामग्री के पैकेट गिराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन नागरिक उन्हें इकट्ठा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि सादे छतों या उन्हें गिराने के लिए जमीन की कमी के कारण पैकेज पानी पर गिरते दिखाई दे रहे हैं। सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं।

2.80 लाख से अधिक लोगों ने ली शरण

राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने 103 राजस्व मंडलों और 4,536 गांवों को प्रभावित किया है। राज्य भर में कुल 2,84,875 लोगों ने 759 राहत शिविरों में शरण ले रखी है. बाढ़ ने 173 सड़कों और 20 पुलों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि बक्सा और दरांग जिलों में दो-दो तटबंध टूट गये हैं। बाढ़ के कारण 10,0869.7 हेक्टेयर का फसल क्षेत्र पानी में डूब गया है। बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग और धुबरी जिलों में बड़े पैमाने पर भूमि का कटाव होने की सूचना मिली है।

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