गुवाहाटी: असम विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रविवार को सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। उल्लेखनीय है कि दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है। तीसरे और अंतिम चरण का मतदान मंगलवार यानी 06 अप्रैल को होना है।
तीसरे चरण के मतदान में 12 जिलों के 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तीसरे चरण में कुल 237 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। जिसमें 312 पुरुष और 25 महिला उम्मीदवार हैं। निष्पक्ष मतदान के लिए 11401 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। तीसरे चरण में कुल मतदाताओं की संख्या 7919641 है। जिसमें से पुरुष मतदाता 4011539, महिल मतदाता 3907963 तथा ट्रांसजेंडर मतदाता 139 हैं।
अंतिम चरण में हाई प्रोफाइल नेताओं में जालुकबारी से नेडा के संयोजक व सरकार के कद्दावर मंत्री डॉ हिमंत विश्वशर्मा, धरमपुर से भाजपा नेता व मंत्री चंद्रमोहन पटवारी, पाटाचारकुची से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास, गुवाहाटी पूर्व भाजपा नेता व मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य, बंगाईगांव से अगप के वरिष्ठ नेता व मंत्री फणीभूषण चौधरी, कोकराझार से बीपीएफ नेता व मंत्री प्रमीला रानी ब्रह्म, उदालगुरी से बीपीएफ नेता व मंत्री रिहन दैमारी, सिडली से बीपीएफ नेता व मंत्री चंदन ब्रह्म समेत कांग्रेस, एआईयूडीएफ के भी कई वरिष्ठ नेताओं की किश्मत दाव पर लगी है।
सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से जहां केंद्रीय गृह मंत्री तथा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह राज्य के तीन स्थानों पर विशाल जनसभाओं को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन, जैसे ही छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले में 22 सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने की जानकारी मिली तो उन्होंने सरभोग की जनसभा के बाद अपनी सभाओं को रद्द करते हुए दिल्ली लौट गये।
इसके अलावा मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, नेडा के संयोजक डॉ हिमंत विश्वशर्मा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद दिलीप सैकिया समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता चुनाव प्रचार में एंड़ी-चोटी की ताकत दिनभर लगाते रहे। वहीं, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा असम प्रभारी जितेंद्र सिंह, आईसीसी के प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ, प्रदेश अध्यक्ष तथा सांसद रिपुन बोरा, सांसद गौरव गोगोई, बीपीएफ के प्रमुख हग्रामा महिलारी, एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल के साथ ही गठबंधन के अनेक वरिष्ठ नेता चुनावी कार्यक्रमों में भाग लेते देखे गए।
इसी बीच राजधानी गुवाहाटी में पत्रकार सम्मेलन का सिलसिला भी जारी रहा। कांग्रेस नेतृत्व वाले महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेता गुवाहाटी के एबीसी स्थित एक निजी होटल में एकत्रित हुए, जहां बैठक के बाद पत्रकार सम्मेलन को भी संबोधित किया गया। सभी दल अपने-अपने स्तर पर राज्य में सरकार बनाने संबंधी दावे कर रहे हैं। इसी बीच चुनाव आयोग के पास एक-दूसरे दलों के उम्मीदवारों के विरुद्ध शिकायत करने का भी सिलसिला आज दिनभर जारी रहा। विपक्षी दलों के नेता सत्तारूढ़ भाजपा पर ईवीएम मशीन की हेराफेरी करने संबंधी आरोप लगाते रहे।
कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार के विधानसभा चुनाव में बीते चुनावों की तुलना में कुछ अधिक ही राजनीतिक दलों की सक्रियता दिख रही है। ऐसा कोई भी दिन नहीं बीता जब दोनों ही राष्ट्रीय दलों के नेता राज्य में आकर चुनाव प्रचार, पत्रकार सम्मेलन आदि का आयोजन नहीं किए हो। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही सत्तारूढ़ दल के दर्जनों राष्ट्रीय स्तर के नेता एवं मंत्री असम में आकर सभाएं कर चुके हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता आकर चुनाव प्रचार करते देखे गए।
चुनाव प्रचार की दृष्टि से देखा जाए तो सत्तारूढ़ भाजपा सभी राजनीतिक दलों से प्रचार में आगे दिखी। प्रत्येक बूथ स्तर तक पार्टी के चुनावी कार्यालय खोले गए। वहीं, राजनीतिक विश्लेषणों से यह स्पष्ट हो रहा है कि जहां सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन के वोट एकत्रित होकर इसके उम्मीदवारों को मिले हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा के विरोधी वोटों का जमकर बंटवारा हुआ है।
कहने को महागठबंधन जरूर विपक्ष द्वारा बनाए गए हैं, लेकिन गुवाहाटी समेत ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां गठबंधन से बाहर के उम्मीदवारों को भी कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थन दिया गया है। वहीं, चुनावी गठबंधन के बावजूद विपक्षी दलों ने कई सीटों पर दोस्ताना मुकाबले में अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। वहीं, कई सीटों पर ऐसे उम्मीदवार भी उतारे गए हैं, जिससे जाहिर होता है कि विपक्ष विधानसभा चुनाव जीतने को लेकर उदासीन हो।
इधर, विपक्ष के महागठबंधन से अलग बना दो दलों- राइजर दल और एजेपी का गठबंधन निश्चित रूप से भाजपा विरोधी वोटों को काट रहा है, जिससे भाजपा के लिए राह आसान होती जा रही है। चुनाव के दौरान व्यापक पैमाने पर धन का लेनदेन भी किए जाने का आरोप कांग्रेस, एआईयूडीएफ समेत सभी राजनीतिक दलों पर लगे हैं।
चुनाव प्रचार का शोर शाम होने के साथ-साथ थम गया। अंतिम चरण के मतदान के लिए सभी प्रकार की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। दूर-दराज के मतदान केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टी को रवाना किया जा चुका है। देखना यह है कि चुनाव प्रचार में लगाई गई ताकत मतदाताओं पर क्या असर डाल पाता है।