Thursday, November 28, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeदेशAssam: जुमे की नमाज पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा फैसला,...

Assam: जुमे की नमाज पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा फैसला, खत्म हुआ ये कानून

Assam, गुवाहाटीः असम विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से बड़ा फैसला लिया। विधानसभा ने अब शुक्रवार को नमाज के लिए ब्रेक खत्म करने के लिए नियम 11 में संशोधन किया है। अब से विधानसभा में नमाज के लिए ब्रेक नहीं होगा। इस पर AIUDF के ज्यादातर सदस्यों ने आपत्ति जताई। अगले सत्र से इस नियम का पालन किया जाएगा। पांच दिवसीय विधानसभा का आज आखिरी दिन था।

सैयद सादुल्ला के जमाने चल रहा है ये निमय

दरअसल, असम विधानसभा में हर शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे से नमाज के लिए कार्यवाही रोक दी जाती थी। यह नियम सैयद सादुल्ला के जमाने से था। इसे लेकर पहले भी आपत्ति जताई जा चुकी है, लेकिन इसे खत्म नहीं किया गया। आज असम विधानसभा में आखिरी बार इस नियम के तहत नमाज के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की गई। आज विधानसभा ने सर्वसम्मति से नियम 11 में संशोधन किया और अगली बैठकों से हर शुक्रवार को नमाज के नाम पर कार्यवाही रोकने का प्रावधान खत्म कर दिया। विधानसभा की अगली बैठक से इस नियम का पालन किया जाएगा। पांच दिवसीय विधानसभा का आज आखिरी दिन था।

कई विधायकों ने कहा इसकी जानकारी नहीं

विधानसभा में हुए फैसले के बाद ढींग विधायक अमीनुल इस्लाम ने विधानसभा में नमाज का समय पहले की तरह ही रखने की अपील की। ​​उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों का एक वर्ग मुसलमानों को नमाज अदा नहीं करने देना चाहता। इसका मकसद भाजपा विधायकों के प्रति असहिष्णुता का माहौल बनाना है। विधायक वाजिद अली चौधरी ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया। वहीं कुछ विधायकों ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

सत्ता पक्ष ने कह- ये केवल पैसों की बर्बादी

वहीं, दूसरे सर्वसम्मति वाले फैसले के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस विधायक रेकीबुद्दीन अहमद ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष से पूछेंगे और इस व्यवस्था को बहाल करने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि वे तीसरी बार विधायक चुने गए हैं और तीनों कार्यकाल के दौरान शुक्रवार को नमाज के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की गई है। इस बीच, सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि देश की किसी भी विधानसभा में ऐसी प्रक्रिया नहीं है।

यह भी पढ़ेंः-भाजपा CEC की बैठक में 50 से ज्यादा उम्मीदवारों के नामों पर लगी मुहर, करनाल से लड़ सकते हैं CM सैनी

सवाल उठता है कि यहां ऐसी परंपरा क्यों शुरू की गई। कुछ विधायकों ने इसे तुष्टिकरण की राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि यह सिर्फ वोट बैंक की घिनौनी राजनीति है। उन्होंने कहा कि नमाज पढ़ने पर किसी पर कोई रोक नहीं है। जो नमाज पढ़ना चाहता है, वह पढ़ सकता है, जो नहीं पढ़ना चाहता, वह सदन की कार्यवाही में भाग ले सकता है। सिर्फ चंद लोगों के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करना जनता के पैसे की बर्बादी है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें