एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में आरजू ने जीता गोल्ड, कॉलेज में हुआ भव्य स्वागत

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फतेहाबादः बहरीन में आयोजित एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में फतेहाबाद की बेटी आरजू ने अपनी प्रतिभा से अनेक देशों की पहलवानों को धूल चटाई और देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर विश्वभर में भारत और फतेहाबाद जिले का नाम रोशन किया। मनोहर मैमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय की बीए प्रथम वर्ष की छात्रा आरजू की इस उपलब्धि से कॉलेज में खुशी का माहौल रहा। बहरीन से वापस देश लौटी आरजू का सोमवार को एमएम कॉलेज पहुंचने पर प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास व स्टाफ सदस्यों ने स्वागत किया।

मूल रूप से चरखी दादरी के गांव निमली की रहने वाली आरजू एमएम कॉलेज स्टेडियम व भोड़ियाखेड़ा खेल स्टेडियम में रहकर कोच अनिल कुमार, डॉ. रामगोपाल काजल व पुनीत सहारण की देखरेख में कुश्ती के दांव-पेंच सीख रही है। वह एमएम कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। आरजू ने बहरीन में हुई एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में अंडर-20 के 68 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लिया। उसका पहला मुकाबला किर्गिजस्तान की खिलाड़ी के साथ था। इस मुकाबले में आरजू ने शानदार दांव-पेंच दिखाते हुए प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को पटखनी दी और अगले राऊंड में प्रवेश किया। इसके बाद आरजू की जीत का सिलसिला लगातार जारी। आरजू ने इसके बाद जापान और बाद में कजाकिस्तान की खिलाड़ी को हराया।

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उसका फाइनल मुकाबला उजबेकिस्तान की खिलाड़ी के साथ रहा। इस मैच में भी आरजू ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया औ रोचक मुकाबले में उज्बेकिस्तान की खिलाड़ी को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। जैसे ही आरजू ने एशियन चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता, प्रदेशभर के खिलाड़ियों में खुशी की लहर दौड़ गई। आरजू को बधाई देते हुए कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने कहा कि हरियाणा की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। इसका जीता जागता प्रमाण यह है कि इस चैम्पियनशिप में भारत की बेटियों ने तीन स्वर्ण, चार रजत व तीन कांस्य पदक जीते और ये भी खिलाड़ी हरियाणा की ही हैं। गोल्ड मेडलिस्ट आरजू ने बताया कि उसके पिता औमप्रकाश जहां आर्मी से रिटायर्ड है जबकि माता हाउस वाइफ है।

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