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अशोक गोयल ने कहा- भाजपा सरकार न होती तो देश की सुरक्षा को कोई खतरा न होता

लखनऊः आगामी लोक सभा की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व सैनिक विभाग के प्रदेश पदाधिकारियों और अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर विभाग के अध्यक्ष एयर मार्शल सेवानिवृत्त अशोक कुमार गोयल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारियों ने मांग की कि प्रदेश के सैनिक/पूर्व सैनिक बाहुल्य 34 जिलों में पूर्व सैनिक विभाग के अधिकारियों, सभी जाति एवं धर्मों के पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों को आगामी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया। पिछले विधानसभा चुनाव की तैयारी की भी थी लेकिन चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला और जो लोग अभी जमीनी स्तर पर चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जाना चाहिए, जिन्हें पूर्व सैनिक विभाग उनके मान, सम्मान और प्रतिष्ठा को दांव पर लगा देगा। हम उन प्रत्याशियों को विजयी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अपने संबोधन में एयर मार्शल सेवानिवृत्त, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सैनिक विभाग के अध्यक्ष अशोक कुमार गोयल ने वर्तमान भाजपा सरकार पर देश की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरतने और यहां तक ​​कि सैन्य ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

याद दिलाए पुराने मुद्दे

उन्होंने कहा कि 3 मई 1999 को कारगिल पर भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा कर लिया था, जिसमें सेना के 562 जवान शहीद हो गये थे और 1,363 जवान विकलांग हो गये थे। इतना ही नहीं, 24 सितंबर 2002 को अक्षरधाम पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सेना के 32 जवान शहीद हो गए थे और 79 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 2 जनवरी 2016 को भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियारों से लैस होकर पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें 7 जवान शहीद हो गए थे और 28 जवान घायल हो गए थे। इतना ही नहीं, 18 सितंबर 2016 को सुबह 5:30 बजे उरी में सेना मुख्यालय पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में केंद्रीय सुरक्षा बलों पर हमला हुआ था जिसमें केंद्रीय सुरक्षा बल के 45 जवान शहीद हो गए थे, जिस पर बीजेपी सरकार ने लोकसभा चुनाव में इस शहादत का चुनावी फायदा उठाया था, जिस पर सवालिया निशान जगजाहिर है ।

कमजोर हो रही भारतीय सेनाः अशोक कुमार

एयर मार्शल सेवानिवृत्त अशोक कुमार गोयल ने कहा कि आजादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटिश नीति का पालन किया जिसमें संभावित युद्ध को ध्यान में रखते हुए भारतीय लोगों को कुछ अवधि के लिए सेना में भर्ती किया जाता था और युद्ध के बाद उन्हें रिजर्व में भेज दिया जाता था। नियमित सेना और सभी पेंशन लाभ यथास्थान प्रदान किये गये। यदि कोई सैनिक सैन्य सेवा के एक दिन के दौरान भी किसी भी कारण से विकलांग हो जाता है, तो सरकार ने आजीवन विकलांगता पेंशन लागू करने की नीति प्रदान की है, जिसे वर्तमान भाजपा द्वारा अग्निपथ (अग्निवीर) योजना के तहत 16 जून 2022 को लागू किया गया है। बेरोजगारी के साथ-साथ अब तक विश्व में अजेय रही भारतीय सेना कमजोर हो गई। यह भी पढ़ेंः-Festival Special Train: दशहरा, दिवाली व छठ पर चलेंगी स्पेशल ट्रेनें, देखें शेड्यूल उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा 21 सितंबर 2023 से विकलांगता पेंशन में एक और अभूतपूर्व बदलाव लागू किया गया है, जिसका सेना के जवानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। चाहे युद्ध हो या शांति, सैनिकों ने अपनी और अपने परिवार की चिंता किए बिना, अपनी जान जोखिम में डालकर दुनिया की अजेय सेना में एक और कील ठोंक दी। यह सर्वविदित है कि भारत में जहां एक ओर गलवान, सियाचिन, ग्लेशियर, लेह, लद्दाख में माइनस 40 डिग्री तापमान है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान में जैसलमेर, बाड़मेर और चेंबर भुज में तापमान 45 डिग्री से ऊपर है। जिसका असर अब 21 सितंबर 2023 से लागू होने वाली योजना पर पड़ने की संभावना है। जिसमें यह जवानों के मनोबल पर वज्रपात साबित होगी। बैठक में मुख्य रूप से विभाग के उपाध्यक्ष/समन्वयक सुभाष मिश्रा, दीपक भट्ट, जिला अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह, जय शंकर ओझा, मेजर राणा शिवम सिंह आदि बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)