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यूपी विधानसभा चुनाव में अपर्णा यादव निभा सकती हैं बड़ी भूमिका, जानें क्यों…

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लखनऊः समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बुधवार को नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह मौजूद थे। अपर्णा यादव के इस फैसले को समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। माना जा रहा है कि अपर्णा इस विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।

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बता दें कि अपर्णा यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव और प्रतीक में बहुत सामंजस्य नहीं है। अखिलेश के प्रतीक से दूरी बनाकर रहने की कोशिश की खबरें मीडिया में भी आती रही हैं। 2017 के चुनाव में मुलायम सिंह यादव के दबाव में सपा ने अपर्णा को लखनऊ कैंट विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। अपर्णा ने चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा प्रत्याशी के समक्ष उनकी पराजय हुई।
अपर्णा को मोदी और भाजपा की रीति-नीति पसंद

उस चुनाव के बाद माना जा रहा था कि यादव परिवार की छोटी बहू संगठन के कार्यों में भागीदार बनेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पार्टी के भीतर उनकी सक्रियता न के बराबर रही। समाजवादी पार्टी का काम करने का तरीका अपना है। अपर्णा को राष्ट्रवाद पसंद है। उनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। उन्होंने भाजपा की सदस्यता लेने के बाद कहा कि वह राष्ट्रवाद के लिए काम करना चाहती हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्य और भाजपा की रीति-नीति पसंद है। इसलिए वह भाजपा में आई हैं।

अपर्णा के सम्मान भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी

भाजपा ने भी अपर्णा को सम्मान देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में दिल्ली में उन्हें सदस्यता दिलाई गयी। इसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं से उनकी मुलाकात हई है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि अखिलेश यादव अपने परिवार को भी रोक पाने में असफल रहे हैं। इस चुनाव में अपर्णा को भाजपा महत्वपूर्ण भूमिका दे सकती है।

बीजेपी ने शामिल होते ही सपा किया हमला

भाजपा में शामिल होते ही अपर्णा सिंह सपा पर जमकर हमला किया। अपर्णा ने गुंडागर्दी का जिक्र करते हुए सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, "सपा के शासन में गुंडागर्दी को इतना तवज्जो दिया जाता है कि बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थी। शाम होते ही घरों के दरवाजे बंद हो जाते थे। मेरे लिए राष्ट्र सबसे जरूरी है, इसीलिए मैं हमेशा से प्रधानमंत्री जी से प्रभावित रही हूं।" इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, "प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश जी असफल रहें हैं, साथ ही वह परिवार में भी असफल रहे हैं। इसी वजह से वह विधानसभा चुनाव लड़ने से भी बच रहे हैं।"

अपर्णा के आने से कुछ हद तक डैमेज कंट्रोल

भाजपा के मंत्रियों को पार्टी में शामिल कराकर समाजवादी पार्टी ने बड़ी राजनीतिक बढ़त बनाने का प्रयास किया। अब भाजपा ने डैमेज कंट्रोल किया है। अपर्णा को पार्टी में शामिल कराना पार्टी के लिए मजबूरी भी बन गई थी। दरअसल, पार्टी के पक्ष में बना माहौल पिछले दिनों कुछ हद तक धूमिल हुआ था। अब परिवार में टूट के बाद एक बार फिर भाजपा हमलावर हो सकती है।

लखनऊ कैंट से लड़ सकती है चुनाव

बीजेपी आलाकमान के लिए सिर दर्द बनी लखनऊ कैंट सीट से टिकट का मसला भी अब शांत हो जाएगा। माना जा रहा है अपर्णा के आने से लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट उन्हीं के खाते में जाने की प्रबल उम्मीद है। इस सीट के बीजेपी की मौजूदा सांसद अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए अपनी सांसदी से इस्तीफा देने तक की बात कह चुकी है। वहीं, मेयर भी अपने एक पारिवार के सदस्य को टिकट दिलाने के लिए बड़े-बड़े नेताओं के संपर्क में हैं। मौजूदा विधायक तो अपने आप को प्रबल दावेदार मान ही रहे है। वहीं भाजपा के फायरब्रांड युवा नेता अभिजात मिश्र भी टिकट के लगे हुए है।

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