कोटाः कोटा में कोचिंग कर रहे छात्रों द्वारा निराशा में आत्महत्या करने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके लिए सरकार व जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का भी कोई असर नहीं दिख रहा है। उत्तर प्रदेश के मऊ में सोमवार को एक सोलह साल की कोचिंग छात्रा ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। पिछले नौ महीने में कोटा में 25 कोचिंग छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। छात्र के पिता ने मंगलवार को एक प्रमुख कोचिंग संस्थान के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है।
बताया गया कि छात्र डेढ़ साल से कोटा में रहकर नीट-यूजी की कोचिंग कर रहा था। वह रोड नंबर एक पर रहती थी। विज्ञाननगर थाना प्रभारी कौशल्या ने बताया कि कोचिंग संस्थान के बाहर छात्र की तबीयत खराब हो गई थी। उसे उल्टियां होने लगीं और वह बेहोश हो गई। इसके बाद छात्रों ने उसे तीन बजे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन रात में उसकी मौत हो गई।
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मृतक छात्रा के पिता ने कोचिंग इंस्टीट्यूट पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोचिंग के कारण ही उनकी बेटी की मौत हुई है। बेटी फोन कर मुझसे कहती थी कि कोचिंग में बहुत दबाव डालते हैं। शिक्षक बार-बार कहते हैं कि फेल हो जाओगे तो फेल हो जाओगे। पिता का यह भी आरोप है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट के लोगों ने उन्हें पुलिस प्रशासन के पास जाने से रोक दिया था।