वायुसेना ने वीरता पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों का किया सम्मान

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नई दिल्ली: भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर वायुसेना ने शनिवार को वायु सेना स्टेशन हिंडन में वीरता पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों का सम्मान किया। इस मौके पर कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद मरणोपरांत अशोक चक्र और सेना पदक से सम्मानित स्वर्गीय मेजर मोहित शर्मा के पारिवारिक सदस्यों को सम्मानित किया गया। पाकिस्तान से 1971 के युद्ध के दौरान असाधारण साहस का प्रदर्शन पर वीर चक्र से सम्मानित कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने समारोह में अपने अनुभव साझा किए।

इस सम्मान समारोह में स्वर्गीय मेजर मोहित शर्मा के पिता राजेंद्र प्रसाद शर्मा, माता सुशीला शर्मा, कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी और उनकी पत्नी ने शिरकत की। वायु सेना स्टेशन हिंडन के एयर ऑफिसर कमांडिंग एयर कमोडोर मनीष कुमार गुप्ता ने वीरता पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों को स्टेशन कर्मियों और अन्य आमंत्रितों की उपस्थिति में सम्मानित किया। समारोह में वीडियो क्लिप के जरिये वीरता पुरस्कार विजेताओं के साहस और वीरता को प्रदर्शित करते हुए 1971 के युद्ध के दौरान सैनिकों के सामने आईं चुनौतियों के बारे में आमंत्रित लोगों को जानकारी दी गई। इसके अलावा 2009 में जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सैनिकों के सामने आने वाली चुनौतियों का प्रदर्शन किया गया।

अशोक चक्र से सम्मानित मेजर मोहित शर्मा भारतीय सेना में एलीट 1 पैरा एसएफ में अधिकारी थे। वह 21 मार्च, 2009 को कुपवाड़ा सेक्टर के हफरुदा जंगल में आतंकरोधी अभियान के दौरान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में अपनी बहादुर आक्रमण टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान चार आतंकवादियों को मार गिराया और टीम के दो साथियों को बचा लिया, लेकिन कई गोलियां लगने से बाद में वे भी शहीद हो गए। उन्हें इस बहादुरी के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया, जो भारत में शांति काल का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है। इससे पहले 2005 में एक कन्वर्ट ऑपरेशन के बाद उन्हें वीरता के लिए सेना पदक से भी सम्मानित किया गया था। 2019 में दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन ने राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर ‘मेजर मोहित शर्मा (राजेंद्र नगर) मेट्रो स्टेशन’ कर दिया।

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वीर चक्र से सम्मानित कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने उपस्थित लोगों के साथ 1971 के युद्ध के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नहर पर क्रॉसिंग के लिए तात्कालिक टैंक बनाने में असाधारण साहस का प्रदर्शन किया था। इसके अलावा पश्चिमी सेक्टर में फायरिंग के बीच मौत सामने होने के बावजूद दुश्मन के इलाके से अपने पांच गंभीर रूप से घायल साथी सैनिकों को वापस लाने के लिए ‘वीर चक्र’ के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कर्नल त्यागी ने कमांडर वर्क्स इंजीनियर के रूप में आर एंड आर अस्पताल, दिल्ली कैंट की 04 साल से बीमार परियोजना को पुनर्जीवित किया है। मार्च, 2001 में सेवानिवृत्ति के बाद कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने पूर्व सैनिकों के लिए ‘राष्ट्रीय सैनिक संस्था’ बनाई जो अब देश के 20 राज्यों में कार्य कर रही है।

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