लखनऊः उत्तर प्रदेश के झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती की पहल करने वाली गुरलीन चावला प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात से सुर्खियों में आ गयी है। उनसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात कर उनके कार्य की प्रशंसा की। योगी ने गुरलीन को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस प्रकार की खेती के लिए बुंदेलखंड के दूसरे किसानों को भी प्रेरित करें। बुंदेलखंड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा दे रही झांसी निवासी गुरलीन चावला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने उनके सरकारी आवास पर पहुंचीं। सराहना करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गुरलीन ने अपने संकल्प और परिश्रम से झांसी की धरती को स्ट्रॉबेरी की खेती के अनुकूल बनाया है। ऐसी अभिनव पहल से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को कृषि विविधीकरण के इस प्रयास में जागरूक करें। जैविक खेती को प्रोत्साहित करना जरूरी है। कृषि उत्पाद को ऑर्गेनिक प्रमाणित करने के लिए मंडल स्तर पर प्रयोगशाला की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती जहां एक ओर किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी, वहीं दूसरी ओर स्ट्रॉबेरी महोत्सव जैसे आयोजनों से बाजार की जरूरतों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी। सुल्तानपुर में ड्रैगन फ्रूट और झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने अपने परिश्रम से ऐसी फसलें उगाईं, जिनके बारे में यह धारणा थी कि ये स्थानीय जलवायु और भूमि के अनुकूल नहीं थीं।
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गौरतलब है कि गुरलीन चावला ने झांसी जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग किया। रविवार 31 जनवरी को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्ट्रॉबेरी की सफलतापूर्वक खेती के लिए गुरलीन चावला के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा था कि स्ट्रॉबेरी महोत्सव जैसे आयोजन यह दर्शाते हैं कि हमारा देश कृषि क्षेत्र में किस प्रकार नवीनतम तकनीकी को अपना रहा है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल शुरू हुआ। हर किसी को आश्चर्य होता है स्ट्रॉबेरी और बुंदेलखंड लेकिन, यही सच्चाई है। अब बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, और, इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है झांसी की एक बेटी गुरलीन चावला ने। लॉ की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है। झांसी का स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल स्टे एट होम कांसेप्ट पर जोर देता है। इस महोत्सव के माध्यम से किसानों और युवाओं को अपने घर के पीछे खाली जगह या छत पर टेरेस गार्डन में बागवानी करने और स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।