मुरादाबादः नौ साल पहले मुरादाबाद के कोतवाली बिलारी क्षेत्र में फिरौती की रकम न मिलने पर बच्चे की हत्या करने वाले आरोपी को एडीजे (6) रंजीत कुमार की अदालत ने गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पैसे नहीं मिलने पर आरोपी अपहरणकर्ता ने शव को खेत में दफना दिया। दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अपहरण की नौ साल पुरानी घटना में गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
जिला अर्धशासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) नीलम वर्मा ने बताया कि बिलारी के तेवरखास गांव निवासी महेंद्र कुमार के आठ वर्षीय बच्चे मनमोहन का करीब नौ साल पहले अपहरण हो गया था। महेंद्र ने 31 जनवरी 2014 को थाने में बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि उसका बेटा दिन में अचानक गायब हो गया। मामले के अपहरण के पीछे गांव के ही गौरव पर संदेह जताया गया था। जब उससे जानकारी ली गई तो वह टालमटोल करने लगा। बाद में जब गौरव से सख्ती से पूछा गया तो उसने सारा सच उगल दिया। बताया कि उसने महेंद्र के बच्चे का अपहरण कर दो लाख रुपये की फिरौती मांगी है। फिरौती की रकम नहीं मिलने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई। उसने शव को पास के गन्ने के खेत में दफना दिया। बाद में आरोपी की निशानदेही पर शव को खेत से बरामद कर लिया गया। मामले की सुनवाई एडीजे-6 की कोर्ट में चली।
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एडीजीसी नीलम वर्मा ने बताया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ ग्यारह लोगों ने गवाही दी। हालांकि बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि आरोपी को झूठा फंसाया जा रहा है। कोर्ट में पुख्ता सबूत के बाद उन्हें दोषी करार दिया गया। आरोपी गौरव को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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