New Delhi: भारत ने विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर से अरिहंत श्रेणी की चौथी परमाणु पनडुब्बी एस-4 (Submarine S-4) को गुप्त तरीके से लांच किया है। तीसरी पनडुब्बी को भी जनवरी 2022 में गुप्त तरीके से लांच किया गया था। इस श्रेणी की दो बैलिस्टिक परमाणु पनडुब्बियों को नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है।
चौथी परमाणु पनडुब्बी एस-4 3,500 किलोमीटर की रेंज में एक साथ 8 के-4 बैलिस्टिक मिसाइल दागने में सक्षम है। अरिहंत श्रेणी की 06 पनडुब्बियों का निर्माण रूस की मदद से किया जा रहा है।
परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस
कनाडा के साथ कूटनीतिक विवाद के बीच भारत ने अपने दुश्मनों के खिलाफ अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर (एसबीसी) में अपनी चौथी परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल (ssbn submarine) पनडुब्बी को गुप्त तरीके से लांच किया है। यह 3,500 किलोमीटर रेंज की के-4 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 अक्टूबर को तेलंगाना के विकाराबाद में नौसेना के वीएलएफ रडार स्टेशन की आधारशिला रखी, जिसके एक दिन बाद 16 अक्टूबर को चौथी परमाणु पनडुब्बी लॉन्च की गई। इसमें करीब 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है, जिसे वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम के जरिए दागा जा सकता है। आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघाट पहले से ही गहरे समुद्र में गश्त कर रहे हैं।
पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत
प्रतीकात्मक समारोह के दौरान, सूखी गोदी में पानी भरकर पनडुब्बी को तैराया गया और नौसेना की परंपरा के अनुसार, गुरशरण कौर ने पतवार पर नारियल फोड़ा। 6000 टन वजनी इस पोत के निर्माण के बाद, भारत ऐसी पनडुब्बी रखने वाला छठा देश बन गया। अन्य पांच देश अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस हैं। आईएनएस अरिहंत बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों से गुजरने के बाद 2016 में नौसेना के बेड़े का हिस्सा बन गया। 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 परमाणु मिसाइलों को INS अरिहंत ले जा सकता है।
दूसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट
अरिहंत श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट में मिसाइलों की संख्या दोगुनी है, जिससे भारत को ‘जल युद्ध’ में अधिक मिसाइलों को ले जाने की क्षमता मिलती है। इस पनडुब्बी का कोडनेम S-3 था।
कई बार टालने के बाद 2017 में इसका प्रक्षेपण संभव हो सका। इस पनडुब्बी को मूल रूप से आईएनएस अरिदमन के नाम से जाना जाता था, लेकिन इसे लॉन्च किए जाने पर इसका नाम आईएनएस अरिघाट रखा गया।
करीब 3 साल के समुद्री परीक्षणों के बाद दूसरी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट इस साल 29 अगस्त को नौसेना में शामिल हुई। यह सतह पर 12-15 नॉट (22-28 किमी/घंटा) और पानी के अंदर 24 नॉट (44 किमी/घंटा) की अधिकतम गति प्राप्त कर सकती है।
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तीसरी परमाणु पनडुब्बी
अरिहंत श्रेणी की तीसरी परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत को भी 23 नवंबर 2021 को विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर से लॉन्च किया गया, जिसकी गोपनीयता भी बरकरार रखी गई। यह परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत से 13.8 मीटर बड़ी है। यह कम से कम 8 K-4 बैलिस्टिक मिसाइल ले जा सकती है।
भारत अपनी समुद्री हमला क्षमता को बढ़ाने के लिए कम से कम चार ऐसी पनडुब्बियों को समुद्र में लॉन्च करने की योजना बना रहा है। INS अरिहंत को अगले साल नौसेना में शामिल किया जाएगा।
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