चीता प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, गांधी सागर अभ्यारण्य में छोड़े जाएंगे चीते

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Bhopal News : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में ‘अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस’ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया, इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से बात-चीत करते हुए कहा कि, चीता प्रोजेक्ट अब तेज गति पकड़ रहा है। और गांधी सागर अभ्यारण्य में भी चीता छोड़ने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जैसे ही भोजन का प्रबंध और फेंसिंग पूरी हो जाएगी तो बहुत जल्दी ही गांधी सागर में चीता छोड़ा जाएगा। इसके लिए भारत सरकार और अफ्रीका के बीच समझौता हुआ है।

बता दें, राज्य के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा गया था। यह प्रयोग अब तक सफल रहा है। साल 1952 में देश से चीता को विलुप्त प्रजाति घोषित किया गया था। उसके बाद उनकी आबादी को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने यह महत्वाकांक्षी योजना बनाई और इसके लिए साउथ अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को कूनो लाया गया।

गांधी सागर में छोड़े जाएंगे चीते 

गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश को 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट की सौगात मिली थी और नामीबिया से यहां आठ चीते लाए गए थे, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे। उसके बाद 13 चीते फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से लाए गए। जिसके बाद अब राज्य के दूसरे हिस्से गांधी सागर में प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की कोशिश जारी है।

Bhopal News: चीतों के खाने की हो रही तैयारी

गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों के भोजन के प्रबंध काफी समय से किए जा रहे हैं और यहां बीते दिनों 300 से ज्यादा चीतल को शिफ्ट किया गया है, ताकि चीता इनका आसानी से शिकार कर सके। यहां तैयारियां जारी है और इसके लिए केन्या के अफसर का एक दल भी यहां का निरीक्षण कर चुका है।

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