AI Chair, गोरखपुरः चुनाव के दौरान वादे कर उन्हें भूल जाने वाले जनप्रतिनिधियों को वादे याद दिलाना अब आसान हो गया है। दरअसल आईटीएम कॉलेज गोरखपुर में कंप्यूटर साइंस के प्रथम वर्ष के छात्र अंशित श्रीवास्तव ने एक ऐसी एआई कुर्सी (AI Chair) बनाई है, जिस पर बैठते ही नेता उन्हें उनके वादे याद दिला देंगे। अगर बड़ी संख्या में लोग नाराज होते हैं तो ये कुर्सी नेताओं को उनके गुस्से की जानकारी भी दे देगी।
PM-सीएम को ध्यान में रखकर बनाई AI Chair
एआई कुर्सी बनाने वाले अंशित का कहना है कि भावी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को ध्यान में रखकर बनाई गई इस ‘एआई कुर्सी’ में और भी कई खूबियां हैं। यह कुर्सी नेताओं को रोजगार, शिक्षा, महिला, सड़क सुरक्षा, जलनिकासी आदि समस्याओं जैसे जनता से किए गए वादों की याद तो दिलाएगी ही। इनके पूरा न होने पर नाराज जनता को सचेत भी करेगी। यह कुर्सी सोशल मीडिया से जुड़ी होगी। उन्होंने बताया कि इस कुर्सी में लगे लाल और हरे रंग के संकेतक के जरिए नेताओं के काम का मूल्यांकन किया जाएगा। यह मूल्यांकन जनता खुद करेगी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए उन्हें ‘अच्छा’ या ‘बुरा’ अंक दे सकेगी।
AI Chair की खासियत
अंशित ने बताया कि AI कुर्सी पर सेंसर लगे हैं। इनके एक्टिवेट होने पर पीएम और सीएम जैसे नेताओं को भी संकेत मिलने लगेंगे। कुर्सी से उन्हें पता चलता रहेगा कि उनके काम को कितने लोग पसंद कर रहे हैं और कितने नाराज हैं। लाखों लाइक होने पर एआई कुर्सी एक्टिवेट हो जाएगी। कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को उसके काम और उसकी लोकप्रियता का भी पता चल जाएगा। समय-समय पर देशभक्ति के गाने बजाने वाली यह कुर्सी बड़ी संख्या में लोगों के गुस्से का आकलन कर चलने लगती है और नेताओं को भी एहसास कराती है कि जनता नाराज है। संस्थान के निदेशक एनके सिंह ने बताया कि तकनीक के जरिए यह एआई कुर्सी भविष्य में और स्मार्ट हो जाएगी।
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AI Chair इन चीजों से की गई तैयार
देश का भविष्य तय करने में यह काफी उपयोगी साबित होने वाली है। प्रतिभावान लोगों ने महज 15 दिन में 35 हजार रुपये खर्च कर इसे तैयार किया है। इसके निर्माण में एंड्रॉयड मोबाइल, लाल और हरा इंडिकेटर, फाइबर कुर्सी, पीसीबी बोर्ड, बैटरी, पिन केबल आदि का इस्तेमाल किया गया है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के सेवानिवृत्त प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों ने बहुत अच्छी और आधुनिक कुर्सी बनाई है। यह एक नवाचार है। कुल मिलाकर यह हमें जनप्रतिनिधियों के कर्तव्यों की याद दिलाएगा।