शिमला (Shimla): हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राजधानी शिमला के माल रोड स्थित हेरिटेज टाउन हॉल भवन में फूड कोर्ट के माध्यम से व्यावसायीकरण पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने बुधवार को टाउन हॉल में फूड कोर्ट के संचालन पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश पारित किए। हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के आयुक्त को आदेश का पालन करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी।
हाई कोर्ट ने ये आदेश अभिमन्यु राठौड़ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। हिमाचल सरकार के महाधिवक्ता अनूप रत्न ने कहा कि हाईकोर्ट ने टाउन हॉल में हाई एंड कैफे खोलने के निर्देश दिए थे। लेकिन, आज की सुनवाई में हाई कोर्ट का आदेश आया कि टाउन हॉल में हाई एंड कैफे की जगह फूड कोर्ट खोला गया है। हाई कोर्ट का मानना था कि फूड कोर्ट खोलना पहली नजर में हेरिटेज स्ट्रक्चर के साथ छेड़छाड़ है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक इस फूड कोर्ट के संचालन पर रोक लगा दी है, साथ ही हेरिटेज कमेटी को टाउन हॉल के इतिहास को ध्यान में रखते हुए सभी तथ्यों की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।
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पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है टाउन हॉल
आपको बता दें कि टाउन हॉल का निर्माण 1908 में क्लासिक पहाड़ी वास्तुकला शैली में धुआं छोड़ने वाली चिमनियों के साथ किया गया था। उस दौरान यह विरासत भवन एक पुस्तकालय के रूप में कार्य करता था। यह इमारत पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। कई लोगों ने इसे फूड कोर्ट में बदलने का विरोध किया था। कई लोगों का मानना है कि टाउन हॉल का उपयोग फूड कोर्ट में परिवर्तित करने के बजाय ब्रिटिश भारत की कलाकृतियों और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए किया जाना चाहिए।
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