CM Yogi UP Assembly, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और नेता विधानमंडल योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट को लेकर विपक्षी दल के नेता पर शायराना अंदाज में हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं…।’
विपक्षी दल के नेता अखिलेश यादव के ठीक बाद सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मुझे अफसोस हो रहा है कि विपक्षी दल के नेता आजकल लीक से हटकर बोलने के आदी हो गये हैं। यह बीमारी सिर्फ यहीं नहीं आई है, जो बीमारी बिहार में देखी जा रही है वही यहां भी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों में चर्चा का माहौल बना है। वर्ष 2022 के बाद सकारात्मक पहल की गयी है। इसमें विरोधी पक्ष के लोग काफी तैयारी करके आना चाहते हैं। ईश्वर करे ये हमेशा विपक्ष में बैठे रहें।
ये है नये भारत का नया उत्तर प्रदेश…
नेता सदन मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष 2012 से 2017 के बीच प्रदेश में मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह कई बार सांसद भी रहे हैं। ऐसे में उन्हें अनुपूरक मांग के बारे में थोड़ा और जानना चाहिए था। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, अराजकता और पहचान के संकट का प्रदेश बन गया था। वहीं, साल 2017 के बाद यूपी डबल इंजन की ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा बदल गयी है। लोग उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। ये नये भारत का नया उत्तर प्रदेश है। जिस तरह दुनिया में भारत के प्रति नजरिया बदला है, उसी तरह देश में उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों की धारणा बदली है। यही बदली हुई धारणा यूपी की सबसे बड़ी पहचान है। सरकार एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। इससे विपक्षी दल के लोगों को खुश होना चाहिए, क्योंकि राज्य आगे बढ़ेगा तो इसका फायदा हर व्यक्ति को होगा।
आज अपने राजस्व अधिशेष के लिए जाना जा रहा है उत्तर प्रदेश
नेता सदन ने कहा कि वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी लगभग 13 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं साल 2023-24 में यह करीब 24.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है। ऐसे में हम लगभग दोगुने हो गए हैं। वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय लगभग 43 हजार थी, वर्ष 2022-23 में यह दोगुनी से भी अधिक बढ़कर लगभग 83 हजार हो गयी है। वर्ष 2023-24 के आंकड़े आने पर इसमें और बढ़ोतरी होगी। ऐसे में बजट का आकार भी बढ़ गया है। देश की 16 फीसदी आबादी यानी 25 करोड़ यूपी में रहती है। 2012 से 17 के बीच उत्तर प्रदेश का औसत बजट करीब 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपये था। वहीं, 2022-23 का औसत 5 लाख 23 हजार करोड़ रुपये है। हमारा मूल बजट 6 लाख 90 हजार करोड़ रुपये है, जबकि 28 हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के साथ 7 लाख 19 हजार करोड़ रुपये का यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है, जो सरकार लेकर आयी है।
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उन्होंने कहा कि सरकार इस बजट से राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है। सदन के नेता ने कहा कि सरकार जब अपना बजट लाती है तो यह ध्यान रखती है कि आय का साधन है या नहीं। आय और व्यय के संतुलन का ध्यान रखना होगा। राज्य का वित्तीय प्रबंधन बेहतर ढंग से प्रगति कर रहा है। यूपी जैसे राज्य को राजस्व अधिशेष के रूप में जाना जाता है।
राज्य का कर राजस्व 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2016-17 में प्रदेश का कर राजस्व 86 हजार करोड़ रुपये था। 2021-22 में इसे बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपये करने में सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में लगभग 11 हजार करोड़ रूपये प्राप्त हुए थे, आज 2016-24 में यह बढ़कर 34 हजार करोड़ रूपये हो गया है। वर्ष 2016-17 में राज्य उत्पाद शुल्क में कुल 14 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो आज 58 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है। पहले परिवहन में 5 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि अब 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुआ है।
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