Sunday, December 22, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeअन्यक्राइमअमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 24 गिरफ्तार, भारी...

अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 24 गिरफ्तार, भारी मात्रा में कैश बरामद

illegal-call-center.

नोएडाः नोएडा (noida) एसटीएफ और बिसरख पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है। इसमें 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से मर्सिडीज समेत 8 लग्जरी कारें, 23 लैपटॉप, 32 मोबाइल, 60 प्रिंटआउट, 4 लाख रुपये कैश, दुबई, सिंगापुर, थाईलैंड समेत करोड़ों रुपये की विदेशी करेंसी भी बरामद हुई है। ये गिरोह अलग-अलग देशों में एजेंटों से डेटा लेकर ठगी करते थे।

ऐसे हुआ कॉल सेंटर का खुलासा

इस गिरोह ने ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र में महागुन मायवोड्स सोसायटी में अपना कॉल सेंटर बना रखा था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने थाना बिसरख क्षेत्र की सोसायटी के टावर नंबर 7 के फ्लैट नंबर 14106 पर छापा मारकर इस इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। पुलिस को लगातार अमेरिकी नागरिकों से शिकायत मिल रही थी कि उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है, जिस पर एसटीएफ ने कार्रवाई भी शुरू कर दी थी।

ये भी पढ़ें..एक-दूसरे को ‘रन आउट‘ करने में लगे हैं कांग्रेस नेता, तारानगर में PM ने साधा निशाना

एसटीएफ टीम को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला कि गिरोह का सदस्य वरुण, जो अकुर गुप्ता का साथी है, बिसरख थाना क्षेत्र स्थित महागुन मेवुड में कॉल सेंटर चलाकर अमेरिकी नागरिकों को धोखा दे रहा है। गिरफ्तार गिरोह के सरगना अंकुर गुप्ता ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह एमबीए पास है। अंकुर गुप्ता ने 2004 से 2011 के बीच विभिन्न कॉल सेंटरों में विभिन्न पदों पर काम किया है। वर्ष 2011-12 में उन्होंने करोल बाग, दिल्ली से आयातित मोबाइल फोन खरीदकर उन्हें दिल्ली, एनसीआर के बाजार में बेचने का काम शुरू किया।

हांगकांग के रास्ते चेन्नई तक होती थी तस्करी 

इसी दौरान उसकी जान-पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई, जिसने उसे अमेरिका से हांगकांग के रास्ते चेन्नई तक एप्पल आईफोन की तस्करी का काम सौंपा। इसी काम के दौरान उनकी मुलाकात गुजरात के अगाड़ी मुकेश शाह से हुई। वर्ष 2019 में मुकेश शाह ने अंकुर गुप्ता को हांगकांग में हिमांशु गुप्ता से मिलवाया। हिमांशु फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर चलाकर यूएसए के नागरिकों से ठगी करता था। उससे यह काम सीखकर अंकुर पिछले 4 साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था।

जैसे ही अंकुर को कॉल सेंटर पर कॉल आती थी, वह विदेशी पीड़ित से बिटकॉइन और गिफ्टकार्ड कैश ऐप सहित विभिन्न भुगतान मोड के माध्यम से हांगकांग स्थित बैंकों में अपने खाते में यूएसए डॉलर ट्रांसफर करवा लेता था। अंकुर इन खाताधारकों को क्रिप्टो करेंसी में भुगतान करता था और फिर पैसा अगड़ियों के माध्यम से अंकुर और तरूण आदि तक पहुंचता था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें