Wednesday, October 23, 2024
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राजधानी में 34 सबस्टेशनों के लिए नहीं मिल पा रही जमीन 

 

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लखनऊः राजधानी के विस्तारित इलाकों में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए नए सबस्टेशन बनाए जाने हैं। नए उपकेंद्रों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है। हालांकि, जमीन न मिल पाने के चलते नए सबस्टेशनों का निर्माण अधर में लटका हुआ है।

जानकारी के अनुसार, लेसा के ट्रांसगोमती व सिस गोमती जोन में 34 नए बिजलीघर बनाए जाने हैं। नए उपकेंद्रों के निर्माण के लिए बीते दो वर्षों से लेसा को जमीन नहीं मिल पा रही है। लेसा के अधिकारी जमीन के लिए जिला प्रशासन, लखनऊ विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत, जल निगम व नगर निगम के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो राजधानी में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख नए उपभोक्ता जुड़ जाते हैं। नए उपभोक्ताओं के जुड़ने से बिजली लोड भी बढ़ जाता है। नए उपभोक्ताओं के जुड़ने से बढ़ा लोड विद्युत सप्लाई सिस्टम पर भारी पड़ रहा है।

इसके चलते ट्रांसफार्मरों के जलने व केबल फाल्ट होने से बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। इसको देखते हुए 34 नए सबस्टेशन के निर्माण की योजना बनाई गई थी। इनमें 23 उपकेंद्र सिस गोमती जोन व 11 ट्रांस गोमती जोन में बनने हैं, वहीं विधानभवन को ट्रिपिंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए शासन ने करीब छह माह पूर्व स्वतंत्र बिजलीघर बनाने का आदेश दिया था। यहां पर जीआईएस यानी गैस बेस्ड सबस्टेशन बनाने की योजना बनी। इसकी वजह यह है कि ऐसे सबस्टेशन के लिए कम जमीन की जरूरत होती है। हालांकि, इसके लिए भी जमीन नहीं मिल सकी है। जिला प्रशासन के अफसरों की मानें तो लेसा के प्रस्तावित सबस्टेशनों के लिए जमीन मुहैया कराने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए दोनों जोन के चीफ इंजीनियर से प्रस्तावित बिजलीघरों के स्थान समेत पूरा ब्यौरा मांगा गया है।

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इन जगहों पर बनने हैं उपकेंद्र 

खदरा, देवा रोड, सतरिख रोड, जानकीपुरम विस्तार, अस्ती रोड बीकेटी, जेहटा, गोपरामऊ, गोकुल ग्राम, कटरा बक्कास, सिसैंडी, विकासनगर, इंदिरानगर, प्रियदर्शिनी कॉलोनी, कल्याणपुर, पुराना आरटीओ लाटूश रोड, ऐशबाग, बहरौली, मल्लपुर, तालकटोरा, आशियाना, बालाघाट, जैतीखेड़ा, गेहरू, अनौराकला, भैंसोरा आदि।

जमीन देने में कंजूसी कर रहे विभाग

सरकारी व गैर-सरकारी कॉलोनियों को निर्बाध बिजली देने के लिए सरकारी विभाग जमीन देने में कंजूसी कर रहे हैं। नए बिजलीघरों के लिए जमीन देने में दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहे हैं। यही नहीं नए सबस्टेशनों के निर्माण को लेकर राजधानी में जनप्रतिनिधियों ने भी कोई सजगता नहीं दिखाई। इसके चलते ही दो सालों से जमीन मुहैया कराने का मामला अधर में लटका हुआ है। नियमतः कॉलोनी बसाने वाली एजेंसी को सबस्टेशन के लिए मुफ्त में देनी चाहिए।

सूत्रों की मानें तो गोमतीनगर व गोमतीनगर विस्तार में बीते कई वर्षों से प्रस्तावित चार सबस्टेशनों के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण जमीन छोड़ना ही भूल गया। गोमतीनगर व गोमतीनगर विस्तार की कॉलोनियों की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए लेसा ने चार उपकेंद्र बनाने की योजना बनाई थी। गोमतीनगर के विशेष खंड, हुसड़िया, लखनऊ पब्लिक स्कूल के समीप उपकेंद्र के लिए लेसा एलडीए से जमीन मांग रहा है। अब गोमतीनगर में एलडीए विशेष खंड और हुसड़िया में सबस्टेशन के लिए जमीन देने के बदले 12 करोड़ रुपए मांग रहा है। चिनहट डिवीजन में नया सबस्टेशन बनाने के लिए भरवारा एसटीपी के पास जमीन खोजी गई थी। यहां पर जल निगम ने मुफ्त में जमीन देने से ही मना कर दिया। अब भरवारा में उपकेंद्र के लिए दोबारा जमीन की तलाश की जा रही है।

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