Thursday, December 19, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशस्थाई डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा लोहिया संस्थान, मरीज हलकान

स्थाई डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा लोहिया संस्थान, मरीज हलकान

Ram Manohar Lohia

लखनऊः प्रदेश के दूर-दराज जिलों से इलाज कराने राजधानी के लोहिया संस्थान पहुंचने वाले मरीजों और तीमारदारों को स्थाई डॉक्टरों की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ता है। राम मनोहर लोहिया संस्थान के तीन विभागों में डॉक्टर न होने से स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गई है, वहीं संस्थान के सात विभाग संविदा पर रखे गए डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है। कुछ विभाग तो ऐसे भी हैं, जहां सिर्फ एक डॉक्टर तैनात हैं। इन डॉक्टरों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है और छुट्टी वाले दिनों में भी इन्हें ड्यूटी करनी पड़ रही है।

लोहिया संस्थान में डर्मेटोलॉजी, एंडोक्राइन सर्जरी, गैस्ट्रो मेडिसिन समेत सात विभागों में सिर्फ संविदा पर तैनात डॉक्टर ही मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, मेडिकल आंकॉलजी और फोरेंसिंक मेडिसिन में महज एक फैकल्टी है। दो वर्ष पूर्व संस्थान ने कई विभागों में डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था, उस वक्त आरक्षण के रोस्टर पर आपत्ति उठाई गई थी। उसके बाद से आरक्षण के रोस्टर को दुरूस्त कर दोबारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। इसके स्थान पर संविदा में डॉक्टरों को नियुक्त कर काम लिया जा रहा है। लोहिया संस्थान से नियमित डॉक्टरों के लगातार इस्तीफा देने से ऐसी नौबत आई है। पिछले करीब छह से आठ महीने में ही गैस्ट्रो मेडिसिन से डॉ. प्रशांत और एंडोक्राइन सर्जरी से डॉ. रोमा प्रधान संस्थान छोड़ चुके हैं।

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इनके संस्थान छोड़ने से इन विभागों में स्थाई डाक्टरों के पद खाली हो चुके हैं। डॉ. प्रशांत प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो डॉ. रोमा ने मेदांता अस्पताल ज्वाइन कर लिया है। मेडिकल आन्कोलॉजी के डॉ. गौरव इस्तीफा देकर निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। पीएमआर विभाग से डॉ. रवि भी इस्तीफा दे चुके हैं। संस्थान के डॉक्टर मरीजों का इलाज करने के अलावा मेडिकल के छात्रों की क्लास भी लेते हैं, साथ ही विभिन्न विषय में रिसर्च भी करते रहते हैं। इससे संस्थान को विश्व पटल पर पहचान मिलती है। यहां के डॉक्टरों के शोध से इलाज की नई दिशा तय होती है। संविदा पर केवल एक वर्ष के लिए ही नियुक्ति दी जाती है, ऐसे में इन सभी विभागों में रिसर्च भी न के बराबर ही हो रहा है। आरक्षण रोस्टर इत्यादि की आपत्तियों के कारण चिकित्सकों की लम्बे समय से रूकी हुई भर्ती प्रक्रिया को दुरूस्त कर आरम्भ करने के लिए संस्थान प्रशासन प्रयासरत है, जल्द ही चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इन विभागों में नही हैं डॉक्टर

– रीप्रोडक्टिव मेडिसिन
– रेस्पिरेटरी मेडिसिन
– क्रिटिकल केयर मेडिसिन

सिर्फ एक डॉक्टर वाले विभाग

ट्रांसफ्यूजन मेडिसिनः डॉ. अनुभा श्रीवास्तव
मेडिकल ऑन्कालजीः डॉ. सक्षम सिंह
फरेंसिंक मेडिसिनः डॉ. रिचा चैधरी

संविदा पर डॉक्टर वाले विभाग

सायकाइट्रीः डॉ. अब्दुल कादिर, डॉ. आकांक्षा शर्मा
ऑप्थैल्मोलॉजिस्टः डॉ. शिखा अग्रवाल, डॉ. प्रोलिमा ठक्कर
एंडोक्राइन सर्जरीः डॉ. मल्लिका ढांडा, डॉ. शक्ति माईदु
एंडोक्राइनॉलजीः डॉ. नव्या मैरी
गैस्ट्रो मेडिसिनः डॉ. स्वप्निल मुजावादिया, डॉ. प्रशांत राय, डॉ. माला वीए राव
डर्मेटोलॉजीः डॉ. सौम्या अग्रवाल
डेंटिस्ट्रीः डॉ. शैली महाजन, डॉ. ज्योति जैन, पद्मिनी अग्रवाल

रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान

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