रांचीः अखण्ड सौभाग्य की मनोकामना के साथ सुहागिन महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में शुक्रवार को अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) रखाकर पूजा की। महिलाओं ने बरगद के पेड़ के नीचे पूजा अर्चना की और वट सावित्री की कथा सुनी। इस दौरान पुजारियों ने महिलाओं को सावित्री सत्यवान की व्रत कथा सुनाई । वहीं बरगद के पेड़ के नीचे महिलाओं की भारी भीड़ लगी हुई है।
इस अवसर पर महिलाओं ने मां सावित्री को नये वस्त्र, कई प्रकार के फल-फूल, सिंदूर, चूड़ी देकर वट वृक्ष की परिक्रमा की और वृक्ष पर कलावा बांधा। महिलाओं ने वृक्ष की 108 बार परिक्रमा कर हर बार नैवेद्य अर्पित किया। किसी ने मूंगफली तो किसी ने सिक्का या अन्य सामग्री अर्पित कर और जल देकर मंगल कामना की। वहीं झारखंड के रांची में , हरमू, धुर्वा,कोकर, लालपुर, बरियातू, बूटी मोड़ सहित अन्य स्थानों पर सुबह से ही महिलाएं को पूजा अर्चना कर रही है।
बता दें कि हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री पूजा (Vat Savitri Vrat) की जाती है। आम बोलचाल की भाषा में इसे बरगदाई अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत कर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट वृक्ष को देव वृक्ष माना जाता है। इस वृक्ष के मूल में ब्रह्मा, मध्य में भगवान विष्णु और अग्रभाग में भगवान शिव का वास होता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रलय के दौरान इस पेड़ की पत्तियों पर भगवान कृष्ण पहली बार मार्कंडेय ऋषि के लिए एक बच्चे के रूप में प्रकट होकर दर्शन दिए थे।
इस बार बन रहा बन रहा शुभ संयोग
इस साल वट सावित्री व्रत के दिन बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन व्रत और पूजन करने से भगवान शनि की कृपा भी जरूर बनी रहेगी। क्योंकि इस दिन शनि अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान होंगे। जिससे शश नाम राजयोग बन रहा है। इसके अतिरिक्त इस दिन सिद्धि योग भी लग रहा है। इस दिन चंद्रमा गुरू के साथ मेष राशि में होंगे जिसके चलते गजकेसरी योग भी बन रहा है। शुक्रवार को पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातःकाल 05.21 मिनट से लेकर पूरे दिन तक रहेगा।
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