लखनऊः एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कनहर सिचाईं परियोजना मूर्त रूप की ओर है, तो वहीं पिपराडीह व आस-पास प्रतिबंधित नदी में पोकलेन चलाकर रात दिन अवैध उत्खनन के चलते सेंचुरियन जॉन में रहने वाले जीव-जंतु, पशु-पक्षियों में हाहाकार मचा है। दरअसल नदी में आच्छादित बालू का काश्त का पट्टा सीमांकन से हटकर बालू वनभूमि से खुलेआम उठाई जा रही है।
इतना ही नहीं खनन माफिया नियम कानून को ताख पर रखकर प्रतिबंधित पोकलेन से नदी की बीच धारा में घुसकर बालू का खुलेआम खनन कर रहे हैं । मौके पर मीडिया के पड़ताल में सीमांकन क्षेत्र से पूर्व प्रतिबंधित स्थल की देर रात्रि में बालू खनन के निशान मौके पर खुलेआम देखे जा सकते है। कहने को तो कागज पर सब ठीक-ठाक है, जमीनी हकीकर कुछ और ही बयां कर रही है।
उल्लेखनीय है कि खनन विभाग स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है इसके बावजूद खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि खुलेआम बालू का अवैध खनन कर रहे हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ अगर कोई एक ट्रैक्टर बालू अपने निजी काम के लिए लेकर जाता है, तो जंगल विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, खनन विभाग भारी भरकम जुर्माना लगाने में कोई संकोच नहीं करते।
रिपोर्ट- अरविंद गुप्ता, ब्यूरो चीफ, सोनभद्र