लखनऊः किसी भी हालत में आलू किसानों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। अभी तक कोल्ड स्टोरेज की क्षमता का 46 प्रतिशत खाली है। यदि एक जिले में अधिक उत्पादन हो गया और किसानों को दूसरे जिले के कोल्ड स्टोरेज में आलू रखना है तो उन्हें सरकार प्रति कुंतल के हिसाब से 100 रुपये किराया देगी। ये बातें प्रदेश के उद्यान मंत्री दिनेश सिंह ने कही। उद्यान मंत्री ने कहा कि भारत में उत्तर प्रदेश का आलू उत्पादन में प्रथम स्थान है। प्रदेश में उपभोक्ताओं के लिए पोषणीय आवश्यकता, रोजगार सृजन एवं आर्थिक दृष्टि से नकदी फसल के रूप में आलू का महत्वपूर्ण योगदान है। देश के कुल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है। वर्ष 2017 से पूर्व आलू का क्षेत्रफल 6.14 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 155.43 लाख मी0टन था, प्रदेश सरकार के अथक प्रयास से आलू के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में वृद्धि हुई। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू के आच्छादन के सापेक्ष लगभग 242.93 लाख मी.टन उत्पादन सम्भावित है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक कुल 1708 शीतगृह, जिनकी भण्डारण क्षमता मात्र 130.26 लाख मी.टन थी। सरकार के प्रयास एवं लागू नीतियों के माध्यम से शीतगृहों की संख्या एवं भण्डारण क्षमता में वृद्धि हुई है। इस वर्ष आलू भण्डारण के लिए 1971 शीतगृह संचालित है, जिनकी भण्डारण क्षमता 162.62 लाख मी.टन है। अभी तक मात्र 88.14 लाख मी. टन आलू भण्डारित हुआ है एवं 74.48 लाख मी.टन (45.80 प्रतिशत) की क्षमता भण्डारण हेतु अवेशष है। वर्ष 2012 से 2017 की अवधि में आलू के औसत बाजार भाव माह जनवरी, फरवरी व मार्च में क्रमशः रुपये 603.20 प्रति कुन्तल, रुपये 566. 20 प्रति कुन्तल व रुपये 655.20 प्रति कुन्तल थे, जबकि 2017 से 2022 की अवधि में आलू के औसत बाजार भाव माह जनवरी, फरवरी व मार्च में क्रमशः रुपये 810.40 प्रति कुन्तल, रुपये 72680 प्रति कुन्तल व रुपये 828.20 प्रति कुन्तल रहे हैं। आलू के औसत थोक बाजार भाव रुपये 831 प्रति कुन्तल से रुपये 1644 प्रति कुन्तल के मध्य रहे हैं। जनवरी, 2023 में आलू के 50 औसत बाजार भाव रुपये 845 प्रति कुन्तल थे।
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उन्होंने कहा कि आलू उत्पादकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त शीतगृहों पर उद्यान विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी है, जो आलू भण्डारण में किसानों की सहायता कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आलू उत्पादक सुगमता से शीतगृहों में अपने आलू का भण्डारण कर रहे हैं। प्रदेश से 15000 टन आलू का निर्यात राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) के माध्यम से नेपाल को निर्यात करने का अनुबन्ध हो चुका है, जिसके क्रम में पहली खेप फर्रूखाबाद से रवाना की जा चुकी है। जनपद आगरा से 600 टन आलू का निर्यात मलेशिया, दुबई एवं कतर के लिए भेजा जा चुका हैं।
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