उज्जैनः विश्व भर में मनाए जाने वाले हिंदू पर्व होली की शुरुआत हो चुकी है। होली की शुरुआत विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के आंगन से ही की जाती है। आज (सोमवार को) संध्या आरती के बाद महाकाल मंदिर परिसर में होलिका दहन होगा। बाबा महाकाल को नित्य अर्पित होने वाले पुष्पों से बनी हर्बल गुलाल उड़ेगी। इसी प्रकार मंगलवार 07 मार्च को मंदिर में धुरेंडी पर्व मनाया जाएगा। शहरवासी बाबा महाकाल को गुलाल अर्पित करने पहुंचेंगे। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर की परंपरानुसार सोमवार को बाबा महाकाल की संध्या आरती के बाद मंदिर परिसर में ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के समीप में विधि विधान से होलिका दहन किया जाएगा।
इसकी पूर्व संध्या पर मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से बने हर्बल गुलाल और शाम की आरती में शक्कर से बनी माला बाबा महाकाल को अर्पित की जाएगी। इस हर्बल गुलाल का भक्तों में छिड़काव किया जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा और पंचांग के अनुसार राजकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा सहित अन्य पांडेय-पुरोहित होलिका पूजन करेंगे। उसके बाद होलिका दहन होगा। इसी क्रम में 07 मार्च को धुरेंडी पर्व मनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 08 मार्च को धुरेंडी पर्व का अवकाश घोषित किया है।
08 मार्च से बदलेगा आरती का क्रम
मंदिर प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि 07 मार्च को धुरेंडी पर्व पर बाबा महाकाल को फूलों से बना हर्बल गुलाल ही अर्पित करें। अन्य किसीप्रकार की गुलाल लेकर न आएं। पं.घनश्याम शर्मा ने बताया कि 08 मार्च से मंदिर में आरती का आंशिक क्रम बदलेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दद्योदक आरती सुबह 7:30 बजे होती है, यह 08 मार्च से सुबह 7 से 8 बजे के बीच होगी। इसी तरह भोग आरती सुबह 10:30 बजे होती थी। अब यह 08 मार्च से 10 मार्च से पोम 11 तक होगी। संध्या आरती पहले 8.30 बजे शुरू होती थी, अब 08 मार्च से शाम 7 से 8 बजे के बीच संपन्न होगी। उन्होंने बताया कि सुबह की भस्म आरती और रात को शयन आरती का समय पूर्ववत रहेगा।
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