लखनऊः घर में कोई भी मांगलिक कार्य हों, बच्चे हों या कोई भी अन्य कार्य। ऐेसे में दरवाजे पर किन्नरों का आना और उन्हें नेग देना शुभ माना जाता है। लेकिन किन्नरों ने इसी औपचारिकता को वसूली का साधन बना लिया है और वह लोगों से भारी-भरकम वसूली पर उतर आये हैं। सालों पहले इच्छा से दी गयी धनराशि पर खुशी-खुशी नाच गाकर अपनी जीविका चलाने वाले किन्नर अब दबंग होते जा रहे हैं। वह लोगों से भारी-भरकम कीमत वसूल करने के चक्कर में अपशब्दों का भी प्रयोग करने से नहीं चूकते।
राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में इन दिनों किन्नरों ने आतंक मचा रखा है और नशे में धुत होकर ऑफिसों व घरों में जबरन वसूली कर रहे हैं। यहां किन्नरों के अलग-अलग समूह लोगों से अवैध वसूली करते हैं और जगह-जगह लोगों से पैसे की मांग करते हैं। अगर किसी ने उनकी मांग को पूरा कर दिया तो ठीक वरना मनमानी धनराशि न मिलने पर किन्नर अपशब्दों के साथ ही मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं। पिछले कई सालों से राजधानी लखनऊ के अलग-अलग क्षेत्रों में किन्नरों का नेग लेने के नाम पर लोगों से अवैध धन उगाही का खेल बदस्तूर जारी है। राजधानी के अलग-अलग थानों में इस तरह के कई घटनाएं दर्ज हैं। जहां किन्नरों ने किसी विवाह कार्यक्रम, मुंडन या बच्चे के जन्म के अवसर पर घर पहुंचकर अवैध वसूली की मांग की और जमकर उपद्रव किया।
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इनका उपद्रव मांगलिक कार्यो में वसूली तक ही सीमित नहीं है। यह सड़क चलते राहगीरों, बाजार और यहां तक कि सब्जी वालों से भी पैसे मांगने से नहीं चूकते और उनकी मांग पूरी न करने पर गाली-गलौज करते हैं। किन्नरों के इस आतंक की शिकायत कई बार नगर निगम से भी की गयी और उनसे किन्नरों के नेग निर्धारित करने की मांग की गयी। लेकिन अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। नतीजा यह है कि किन्नरों के इस उपद्रव से आम जनता को कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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