नई दिल्लीः भारत इस साल 1 दिसंबर से एक वर्ष के लिए G20 का अध्यक्ष बनने जा रहा है। इस दौरान भारत देशभर में 200 से अधिक जी-20 बैठकों की मेजबानी करेगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के स्तर पर होने वाला जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन है। इसे अगले साल 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
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विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि देश G20 प्राथमिकताओं को मजबूत करने की प्रक्रिया में हैं। जी-20 या ग्रुप ऑफ ट्वेंटी दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इसके सदस्य 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए) और यूरोपीय संघ (ईयू) हैं।
भारत वर्तमान में जी-20 ट्रोइका (वर्तमान, पिछला और आने वाले जी-20 के अध्यक्ष देश) का हिस्सा है जिसके अन्य दो देश इंडोनेशिया और इटली हैं। भारत की अध्यक्षता के दौरान इंडोनेशिया और ब्राजील इस तिकड़ी का निर्माण करेंगे। यह पहली बार होगा जब ट्रोइका में तीन विकासशील देश और उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल होंगी।
भारत जी-20 अध्यक्ष के रूप में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को अतिथि देशों के रूप में और आईएसए (अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन), सीडीआरआई (आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन) और एडीबी (एशियाई विकास बैंक) को अतिथि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित करेगा। जी-20 में वर्तमान में फाइनेंस ट्रैक से जुड़े 8 वर्कस्ट्रीम, शेरपा ट्रैक से जुड़े 12 वर्कस्ट्रीम और 10 कार्य समूह हैं।
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