नई दिल्लीः प्रतिदिन लगभग 300 रुपये कमाने के साथ सरिता और शायरा उन सैकड़ों महिलाओं में शामिल हो चुकी हैं, जो अपने परिवार का आय का स्रोत खत्म होने के बाद अब अपनी मेहनत के बलबूते आराम से परिवार का भरण-पोषण कर रहीं हैं। इन महिलाओं ने अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ करने के लिए संघर्ष का एक लंबा सफर तय किया है। यह महिलाएं भारत भर में उन लाखों ऐसे मजदूरों के समान दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहीं थीं, जो अचानक कोविड-19 के कारण लोग लॉकडाउन से प्रभावित हुए थे।
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उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो वह और उनके पति बेरोजगार हो चुके थे और दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। हालांकि अब उनके जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव आ चुका है, क्योंकि राजस्थान स्थित जवाहर फाउंडेशन और जवाहर सिलाई केंद्र जैसी उनकी कौशल-आधारित पहल की मदद से, दोनों मासिक आधार पर अच्छी कमाई कर पर रहीं हैं। अब उनकी न केवल खानपान से संबंधित चिता का निवारण हो चुका है, बल्कि अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकती हैं। ‘जवाहर सिलाई केंद्र’ के तहत फाउंडेशन ने भीलवाड़ा, कोटा और अलवर सहित राजस्थान के कुछ हिस्सों में 500 सौ से अधिक महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित कीं हैं। ऐसी ही सैकड़ों महिलाओं को नियमित आय प्रदान करने के लिए, फाउंडेशन राजस्थान की महिलाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है। फाउंडेशन उन्हें सिलाई और अन्य हस्तशिल्प जैसे कौशल सिखा रहा है।
जवाहर फाउंडेशन के संस्थापक, रिजू झुनझुनवाला ने कहा, “लोगों का कल्याण और हमारे समुदाय का समर्थन हमारे संगठन के डीएनए में है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि महिलाओं को शिक्षित करना, उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और युवाओं को बढ़ावा देना, हमारे समुदायों के फलने-फूलने के लिए एक मजबूत आधार बनाता है। इसे ध्यान में रखते हुए, हम चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, ताकि महिलाओं, युवा लड़कियों और युवाओं का समर्थन किया जा सके।” फाउंडेशन की अधिकांश पहल यूनिसेफ और यूएन वूमन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा तैयार किए गए सुझावों और कार्यक्रमों के अनुरूप हैं। जवाहर फाउंडेशन के अनुसार, महिलाओं को सशक्त बनाने से लैंगिक समानता, गरीबी उन्मूलन और समावेशी आर्थिक विकास होता है।
इसलिए फाउंडेशन राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं का उत्थान कर रहा है और इन क्षेत्रों में युवाओं को शिक्षित कर उन्हें एक सफल पथ पर ले जा रहा है। इसके अलावा, जवाहर फाउंडेशन वंचित लोगों के लिए खाद्य सेवाओं (फूड सर्विस) का भी आयोजन करता रहा है। अब तक, जवाहर फाउंडेशन ने अपने स्वाभिमान भोज कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में 1,50,000 से अधिक भोजन (एक बार का भोजन) परोसा है।
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