जोहान्सबर्गः सेंचुरियन टेस्ट जीतकर आत्मविश्वास से भरे भारत के पास दक्षिण अफ्रीका में सोमवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट मैच में मेजबान टीम को हराकर पहली बार सीरीज जीतने का मौका है। एक यादगार साल (2021) के अंत के बाद भारत 2022 में भी शानदार शुरुआत करने पर ध्यान दे रहा होगा। फिलहाल भारतीय टीम ने तीन मैचों की श्रृंखला में अजेय बढ़त बनाए हुए है। वहीं, जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अब तक बेहतर प्रदर्शन रहा है। यहां पांच टेस्ट मैचों में भारत ने दो में जीत हासिल की है और तीन बार ड्रा किया है, जबकि भारत यहां दक्षिण अफ्रीका से कभी नहीं हारा है।
ये भी पढ़ें..लियोनल मेसी समेत PSG के 4 खिलाड़ी कोरोना संक्रमित, आज टीम को खेलना है मैच
इस स्थान पर ही भारत ने टी20 विश्व कप का पहला सीजन जीता था, जिसमें पाकिस्तान को पांच रनों से फाइनल में हराया था। संयोग से वांडर्स एक ऐसी जगह है, जहां से भारत ने विदेशी धरती पर जीतना शुरू किया था। 2018 में यहां भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 63 रनों से हराने के लिए कड़ी मेहनत की थी, जिससे टीम को विदेशी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने का विश्वास और बढ़ा और फिर घर के बाहर यादगार जीत का सिलसिला शुरू हुआ था। सुपरस्पोर्ट पार्क में पहले टेस्ट में भारत ने सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया, हालांकि दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों ने पहले दिन की कमी के बाद जोरदार वापसी की। टॉस भारत के पक्ष में रहा, जिसके बाद केएल राहुल और मयंक अग्रवाल ने 117 रन की साझेदारी की थी।
अग्रवाल (60) और राहुल (123) रन बनाए थे, जिससे भारत को पहली पारी में 130 रनों की बढ़त मिली थी, इसके बाद दक्षिण अफ्रीका टीम पर काफी दबाव पड़ा था। पहली पारी में अग्रवाल और राहुल की पारी के अलावा, कोई भी भारतीय बल्लेबाज ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए थे, हालांकि अजिंक्य रहाणे ने कुछ अच्छे शॉट खेले, जबकि दूसरी पारी में ऋषभ पंत ने 34 रनों की तेज पारी खेली थी। विराट कोहली 2013 में हाई स्कोरिंग ड्रॉ में अपने 119 और 96 रनों की पारी से कुछ प्रेरणा ले सकते हैं। उन्होंने 2018 में यहां 54 और 41 रनों की पारी खेली थी।
डी कॉक ने लिया संन्यास
चेतेश्वर पुजारा भी 2013 में दूसरी पारी में बनाए गए 153 रनों की यादों को ताजा करने पर जोर देंगे, जबकि 2018 में रहाणे के 48 रनों की पारी लोगों को अभी भी याद होंगे। टीम के सीनियर तिकड़ी को अतीत में खेले शानदार पारी को याद करके वर्तमान में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत होगी। दक्षिण अफ्रीका के पास भारत को चुनौती देने के लिए गेंदबाजी आक्रमण है, लेकिन उसके बल्लेबाजों को भारतीय गेंदबाजी के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है। क्विंटन डी कॉक के टेस्ट क्रिकेट से आश्चर्यजनक रूप से संन्यास लेने के बाद मेजबान टीम के बल्लेबाजी क्रम और कमजोर हो गई है।
काइल वेरेन के विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में डी कॉक की जगह लेने की उम्मीद है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ऑलराउंडर वियान मुल्डर की जगह किसी बल्लेबाज को मौका दे सकता है। कुल मिलाकर, भारत पहली बार दक्षिण अफ्रीका में एक श्रृंखला जीत हासिल करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए आगे बढ़ेगा, जहां उन्होंने कभी कोई टेस्ट मैच नहीं हारा है। दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका को केपटाउन में होने वाले फाइनल मैच से एक हफ्ते पहले सीरीज हारने से खुद को बचाना होगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)