नई दिल्लीः दिल्ली में एक हफ्ते का लॉकडाउन लगते ही प्रवासी मजदूर बोरिया-बिस्तर समेट कर घर को निकल पड़े हैं। उन्हें 26 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन आगे बढ़ने का डर है। देखते ही देखते आनंद विहार रेलवे और बस अड्डे पर हजारों की संख्या में मजदूर और उनके परिवार वाले इकट्ठा हो गए हैं। कोरोना की सुनामी से दिल्ली में हालात बेकाबू हैं क्योंकि यहां हर रोज कोरोना के नये मामलों का रिकॉर्ड बन रहा है।
इसी के मद्देनजर दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच हुई बैठक के बाद सोमवार रात से 26 अप्रैल की सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रवासी मजदूरों में हड़कंप मचा हुआ है। वे अपने घर को निकल पड़े हैं। वे सभी इस डर के मारे की कहीं लॉकडाउन की मियाद और न बढ़ जाए, इससे पहले ही वे अपने घर जाना चाहते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवासियों से अपील की है कि वे जहां भी हैं, वहीं रहें और पलायन न करें। इसके बावजूद मजदूरों को डर है कि कहीं वे कोरोना से पहले भूख के मारे ही न शरीर छोड़ दें।
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लॉकडाउन के ऐलान के बाद आनंद विहार, कौशांबी बस अड्डे से यूपी और बिहार के दूर-दराज शहरों के प्रवासी लोग पलायन करने लगे हैं। यहां एक बार फिर से 2020 जैसी भीड़ उमड़ पड़ी है जब मार्च में लॉकडाउन के ऐलान के बाद एक बार में आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर हजारों लोग की भीड़ लग गई थी। सोमवार को दिन भर आनंद विहार स्टेशन पर ऐसा ही दृश्य देखने को मिला।