Guwahati News : असम पुलिस ने बाल विवाह के खिलाफ अपने अभियान का तीसरा चरण 21-22 दिसंबर की रात को पूरे राज्य में चलाया। इस दौरान पुलिस ने 431 लोगों को गिरफ्तार किया और 345 मामले दर्ज किए। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य में बाल विवाह को रोकने के लिए एक बार फिर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है।
ADGP ने दी अभियान की जानकारी
असम पुलिस मुख्यालय पर रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने इस अभियान की जानकारी दी। गुप्ता ने बताया कि इस अभियान में राज्य के 36 जिलों से 431 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें धुबरी, होजाई, नगांव, मरीगांव, कोकराझार, गुवाहाटी महानगर सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 2023 में फरवरी और अक्टूबर में आयोजित पहले और दूसरे चरण के अभियानों में क्रमशः 3425 और 913 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इस अभियान के परिणामस्वरूप बाल विवाह की घटनाओं में कमी आई है और इसका असर मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर पर भी देखने को मिला है। वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य में मातृ मृत्यु दर 984 थी, जो घटकर 2023-24 में 372 हो गई है। इसी तरह, 2020-21 में शिशु मृत्यु दर 9472 थी, जो 2023-24 में घटकर 4790 रह गई है। यह सब इस बात का संकेत है कि बाल विवाह पर रोक लगाने से समाज के स्वास्थ्य संबंधी संकेतकों में सुधार हुआ है।
धुबरी जिले से 68 लोग गिरफ्तार
एडीजीपी गुप्ता ने बताया कि, धुबरी जिले से सबसे अधिक 68 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और 59 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, विश्वनाथ, जोरहाट, डिमा हसाओ, हमरेन और गुवाहाटी महानगर में बाल विवाह से संबंधित कोई घटना दर्ज नहीं हुई, जिससे इन क्षेत्रों से कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। यह अभियान असम को 2025 तक बाल विवाह मुक्त राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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Guwahati News : CM सरमा ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट कर बाल विवाह के खिलाफ इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बाल विवाह को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हम इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए साहसिक कदम उठाते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के निर्देश पर असम पुलिस और अन्य संबंधित संगठनों ने वर्ष 2025 तक बाल विवाह मुक्त असम बनाने के लक्ष्य के तहत यह अभियान चलाया है।