Sunday, November 24, 2024
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69000 Teacher recruitment case: कोर्ट के फैसले के साथ बढ़ा सियासी पारा, पक्ष-विपक्ष ने कही एक ही बात

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले (69000 teacher recruitment cases) में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of Allahabad High Court) द्वारा मेरिट लिस्ट रद्द करने के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने इस भर्ती को लेकर सत्ता पक्ष पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। सपा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, बसपा प्रमुख ने भी प्रतिक्रिया दी है। हैरानी की बात यह है कि सत्ता पक्ष और सहयोगी दल भी कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बता रहे हैं।

Akhilesh Yadav ने बोला हमला

गौरतलब है कि यूपी में 2019 में भाजपा सरकार में 69000 शिक्षकों की भर्ती हुई थी। इस शिक्षक भर्ती में पांच साल बाद लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। फैसले में पूरी चयन सूची को रद्द कर दिया गया है। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह की बेंच ने सरकार को आरक्षण नीति का पालन करते हुए तीन महीने के अंदर नई सूची देने को कहा है। इस फैसले के बाद विपक्षी दल सत्ता पक्ष के खिलाफ पूरी तरह मुखर हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party National President Akhilesh Yadav) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस मामले में भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

उन्होंने लिखा कि 69000 शिक्षक भर्ती भी अंततः भाजपा के घोटाले, घोटाले और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। हमारी यही मांग है कि नई निष्पक्ष सूची बनाई जाए, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल में बाधित हुई शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ सके। हम नई सूची पर लगातार नजर रखेंगे और अभ्यर्थियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे ताकि किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हक़मारी या नाइंसाफ़ी न हो। अखिलेश ने कहा कि यह अभ्यर्थियों की सम्मिलित शक्ति की जीत है। इस संघर्ष में जीत के लिए सभी को बधाई और नई नियुक्तियों के लिए शुभकामनाएं।

मायावती ने भी साधा निशाना

इसी तरह बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि यूपी में 2019 में चयनित 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों की चयन सूची को निरस्त करने और तीन महीने के भीतर नई सूची बनाने का हाईकोर्ट का फैसला यह साबित करता है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्ष और ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वैसे भी सरकारी नौकरियों की भर्ती में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड भी पाक-साफ नहीं होने पर यह काफी चर्चाओं में रहा है। अब स्वाभाविक है कि सहायक अध्यापकों की समुचित बहाली न होने से शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ेगा। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

बीजेपी नेताओं ने किया फैसले का स्वागत

विपक्ष की प्रतिक्रिया के बीच सत्ता पक्ष ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर लिखा कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों की जीत है जिन्होंने अपने हक के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। मैं उनका तहे दिल से स्वागत करता हूं।

वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya patel) ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले पर कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने (एक्स) पर पोस्ट कर कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। पिछड़ा वर्ग आयोग ने खुद माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई। अब जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नई मेरिट सूची बनाने का आदेश दिया है तो मुझे उम्मीद है कि वंचित वर्ग के साथ न्याय होगा। माननीय उच्च न्यायालय ने जो कहा है, मैंने भी हमेशा वही कहा है। मैंने हमेशा इस मुद्दे को सदन से लेकर शीर्ष स्तर तक उठाया है।

यह भी पढ़ेंः-Madhya Pradesh News: एमपी सरकार का बड़ा फैलसा, गैर मुस्लिम बच्चों को मदरसे में दाखिल किया तो होगी कार्रवाई

जब तक इस मामले में वंचित वर्ग को न्याय नहीं मिल जाता, मैं इस मुद्दे को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास करता रहूंगा। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि शिक्षा देने वाले शिक्षकों को न्याय नहीं मिल रहा है। शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। भाजपा सरकार में या तो पेपर लीक हो जाते हैं या फिर भर्ती में घोटाला होता है।

69 हजार शिक्षक भर्ती संघ के अध्यक्ष विजय यादव ने उच्च न्यायालय के आदेश पर खुशी जताई है। संघर्ष के छह साल बीत गए, लेकिन सरकार ने हमें न्याय दिया है। विजय यादव व अभ्यर्थियों ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि अफसरों ने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है।

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