महाकाल की नगरी उज्जैन में चोरों का आंतक, तीन घंटे में 20 श्रद्धालुओं को बनाया निशाना

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भोपालः बाबा महाकाल (Mahakala) की नगरी उज्जैन में मंगलवार सुबह 6 बजे से 9:30 बजे तक शिप्रा तट रामघाट पर चोरी का शिकार हुए 20 से ज्यादा श्रद्धालु महाकाल थाने पहुंचे। चोरी पर पुलिस ने मोबाइल चोरी और सामान गायब होने के आवेदन लिए। कई श्रद्धालुओं ने कम कीमत के मोबाइल गुम होने का शिकायती आवेदन भी नहीं दिया।

सुबह साढ़े छह बजे उत्तर प्रदेश निवासी अभयराज पुत्र उमाशंकर सोनी स्नान के लिए शिप्रा नदी के रामघाट पर पहुंचा। सबसे पहले अभयराज ने स्नान किया, फिर उनकी पत्नी घाट पर कपड़े की थैली लेकर बैठी थीं। जब वह स्नान करके ऊपर आया तो उसकी पत्नी स्नान करने के लिए नदी में चली गई, लेकिन उसे नदी में गहरे पानी का डर था, इसलिए अभयराज उसके साथ नदी में उतर गया। स्नान कर जब वह घाट पर वापस आये तो बैग चोरी हो चुका था, पर्स में 3200 रुपये व मोबाइल रखा था। थाने आकर उसने शिकायत की और एफआईआर दर्ज करने को कहा, लेकिन बाद में उसने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने के बाद उसे बाद में इसे लेकर उज्जैन आना पड़ सकता है। इस चक्कर से बचने के लिए उसने सामान गायब होने का आवेदन पत्र भरकर जमा कर दिया।

चोर से 28 हजार रुपये वापस करा दिए

नागपुर निवासी श्याम सुंदर पांडे, श्रीचंद्र पांडे और अनूष त्रिपाठी परिवार के 13 सदस्यों के साथ महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आए थे। वे रामघाट पर आरती गेट के पास सामान रखकर नदी में स्नान कर रहे थे। इस दौरान हेड कांस्टेबल मोहन परमार राउंड लगाने आए। जब उन्होंने संदिग्ध को सामान के पास खड़ा देखा तो वे भी कुछ दूरी पर खड़े हो गए। जैसे ही बदमाश सामान उठाकर भागने लगा तो पुलिस ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। जब पांडे से उनके सामान चोरी होने के बारे में पूछा गया तो उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस ने कहा कि देखो तुम्हारा पर्स और मोबाइल कहां है। उसने देखा तो बैग, पर्स और मोबाइल गायब था। पुलिस चोर और चोरी के शिकार दोनों को थाने ले गई। यहां श्यामसुंदर पांडे का पर्स लौटा दिया गया। पर्स में 28 हजार रुपये रखे थे। हालांकि इन बदमाशों के पास उनके साथी अनूश त्रिपाठी का पर्स और छह हजार रुपये वाला मोबाइल नहीं मिला।

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बूढ़ा आदमी और लड़का चोरी करते पकड़े गए

कहारवाड़ी निवासी शंकर सिंह चौहान रामघाट पर महाकाल के कुर्ते और कपड़ों की दुकान लगाते हैं। सुबह साढ़े आठ बजे एक वृद्ध महिला और एक पुरुष उनके पास आए। सामान का दाम पूछने लगे। उसे बातों में उलझाकर दूसरी दुकान पर कुछ सामान लेने के लिए भेज दिया। इसी बीच युवक और वृद्धा कपड़ों की गठरी उठाकर ले जाने लगे। जब शंकर सिंह आये तो देखा कि वे दोनों जा चुके थे और कपड़ों की गठरी भी नहीं थी। उसने सड़क पर देखा तो दोनों दानीगेट की ओर जाते दिखे। उसने रुककर चौकी पुलिस को घटना बताई। चोरी के शक में लोगों ने युवक की पिटाई भी कर दी। लोग दोनों को थाने ले गए।

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