Lucknow Municipal Corporation: शत-प्रतिशत कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था को मंगलवार 05 मार्च को हरी झंडी दिखाई गई। इस मौके पर मोहनलालगंज क्षेत्र के सांसद एवं भारत सरकार में आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री कौशल किशोर भी शिवरी प्लांट पहुंचे। लखनऊ नगर निगम सीमा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अब उन ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है, जो नगर की सीमा में शामिल हैं। माना जा रहा है कि यहां लगाए गए ठोस अपशिष्ट को गलाने या नष्ट करने में करीब डेढ़ साल लग सकते हैं।
शिवरी स्थित ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट पर लखनऊ नगर से एकत्रित लगभग 18.50 लाख मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक निस्तारण चुनौती बना हुआ था। महापौर सुषमा खर्कवाल एवं पार्षदों की उपस्थिति में इसके निस्तारण के लिए प्लांट का शुभारंभ कर दिया गया। राज्य मंत्री कौशल किशोर ने यहां पहुंचकर कूड़ा निस्तारण प्रक्रिया की शुरूआत कराई। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्लांट लग जाने से जल, वायु एवं मृदा प्रदूषण से निजात मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने जनप्रतिनिधियों और नगर निगम के अधिकारियों के अलावा मेसर्स भूमि ग्रीन प्रा. लि. संस्था के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। नगर निगम सीमा क्षेत्र से उठाया गया ठोस अपशिष्ट शिवरी प्लांट पहुंचाया गया था। प्रोसेसिंग प्लांट तक 1.5 साल पहले इसे विभिन्न वाहनों से लेकर जाया गया था। यह करीब 18.50 लाख मीट्रिक टन है।
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इसके वैज्ञानिक तरीके से बिना प्रदूषण निस्तारण के लिए कंपनी का चयन भी कर लिया गया था, लेकिन इसकी शुरूआत नहीं की गई थी। महापौर और नगर आयुक्त की मशक्कत के बाद अब मेसर्स भूमि ग्रीन प्रा. लि. संस्था ने मोहान रोड, शिवरी स्थित प्रोसेसिंग प्लांट पर सभी मशीनरी की स्थापना कर दी है। कंपनी यहां का काम 16 माह में ठोस अपशिष्ट के निस्तारण का कार्य पूर्ण कर देगी। इसके साथ ही निकलने कूड़ा प्रसंस्करण के दौरान इनर्ट, बायोसॉयल, आरडीएफ आदि का वैज्ञानिक तरीके से तथा आरडीएफ को विभिन्न सीमेंट फैक्ट्रियों के माध्यम से निस्तारित करेगी। लीगेसी वेस्ट से निकलने वाले लीचेट को लीचेट ट्रीटमेंट के माध्यम से निस्तारित कर पुनः उपयोग में लाया जाएगा। प्लांट पर 26.00 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट मे से प्रथम चरण मे 18.50 लाख मीट्रिक टन लीगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए कंपनी की तय धनराशि 574.00 प्रति मीट्रिक टन खर्च आ रहा है।
इस प्रोजेक्ट की लागत 1,06,18,44,000 रूपए का आंकलन किया गया है। इस परियोजना की निगरानी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) भी कर रही है इसीलिए नगर निगम समयबद्ध योजना तैयार कर रहा है। संस्था की ओर से विजय तिलोतकर ने विश्वास दिलाया कि उक्त कार्य को निर्धारित समयसीमा से पूर्व ही पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी स्थल पर 1.5 साल बाद क्षेत्र में हरियाली होगी। यहां जल एवं वायु दोनों के पर्यावरण मे सुधार होगा। शिवरी ग्राम के ग्राम प्रधान से आग्रह किया कि जो भी बिल्डर यहां प्लाटिंग कर रहे हैं, उनको रोकें। प्लांट के 500 मीटर के दायरे मे बफर जोन निर्धारित होता है। इसमें किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध होता है।
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