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बेनतीजा रही 13वें दौर की वार्ता, ड्रैगन ने नहीं माने भारत के सुझाव

Chinese Army not agrees to the constructive suggestions to resolve the remaining friction points along LAC

नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ता के 13वें दौर में भी एलएसी का गतिरोध खत्म नहीं हो सका। भारतीय पक्ष ने विवादित क्षेत्रों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ। साथ ही अपनी तरफ से भी कोई प्रस्ताव नहीं दे सका। करीब 9 घंटे चली बैठक दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान पर केंद्रित रही।

भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 13वीं बैठक 10 अक्टूबर, 2021 को चुशुल-मोल्दो बॉर्डर मीटिंग पॉइंट पर सुबह 10 बजे शुरू हुई जो शाम 07 बजे तक चली। करीब 9 घंटे चली बैठक के बारे में सोमवार को रक्षा मंत्रालय की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया। बयान में बताया गया है कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच हुई चर्चा पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान पर केंद्रित थी। बैठक में भारतीय पक्ष ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति चीनी पक्ष की ओर से एलएसी की यथास्थिति बदलने तथा द्विपक्षीय समझौतों का एकतरफा उल्लंघन के प्रयासों की वजह से पैदा हुई है, इसलिए चीनी पक्ष शेष विवादित क्षेत्रों में समुचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बहाल हो सके।

बैठक में भारत की ओर से यह भी कहा गया कि चीन का यह कदम दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की दुशांबे में हुई हालिया बैठक में रखे गए रोडमैप के अनुरूप भी होगा, जहां वे इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों पक्षों को शेष मुद्दों पर जल्द से जल्द हल निकालना चाहिए। भारतीय पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि शेष क्षेत्रों के ऐसे समाधान से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी। बैठक के दौरान भारतीय पक्ष ने शेष क्षेत्रों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ और साथ ही अपनी तरफ से भी कोई प्रस्ताव नहीं दे सका। इस प्रकार बैठक में शेष क्षेत्रों का समाधान नहीं हुआ।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस कोर कमांडर स्तर की वार्ता में हॉट स्प्रिंग्स और कुछ अन्य विवादित क्षेत्रों से दोनों सेनाओं के विस्थापन पर चर्चा हुई। चीन के साथ अब तक हुई 12 दौर की वार्ताओं में सहमति बनने के बाद पैन्गोंग झील, गोगरा पोस्ट और गलवान घाटी में विस्थापन प्रक्रिया हो चुकी है। इन विवादित जगहों पर अब भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने नहीं हैं लेकिन हॉट स्प्रिंग्स में अभी भी यह प्रक्रिया रुकी पड़ी है। रविवार को हुई वार्ता में पूरा फोकस हॉट स्प्रिंग्स में एक बफर जोन बनाने पर रहा ताकि इस इलाके में भी विस्थापन प्रक्रिया शुरू हो सके। इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकला बल्कि दोनों पक्ष संवाद बनाए रखने और जमीनी स्तर पर स्थायित्व बनाए रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई कि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में चर्चा जारी रहेगी।

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दूसरी तरफ चीन सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले 'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक पीएलए वेस्टर्न थिएटर कमांड का कहना है कि चीन और भारत ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की वार्ता की। भारत अनुचित और अवास्तविक मांगों पर जोर देता है, बातचीत में मुश्किलें पैदा करता है। चीन ने सीमा की स्थिति को आसान और ठंडा करने के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं। संप्रभुता की रक्षा करने का उसका दृढ़ संकल्प अटूट है और चीन को उम्मीद है कि भारत स्थिति को गलत नहीं ठहराएगा।

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