हरिद्वारः पथरी थाना क्षेत्र के एक गांव में निकाह का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने के मामले में एफटीएस/अपर जिला जज कुमारी कुसुम शनि ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। एफटीएस कोर्ट ने युवक को 10 साल कठोर कारावास और 55 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
गर्भवती होने बाद किया निकाह से इनकार
शासकीय अधिवक्ता भूपेन्द्र चौहान ने बताया कि 9 जून 2018 को आरोपी युवक पर निकाह का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। रेप के दौरान पीड़िता गर्भवती भी हो गई थी। जब पीड़िता ने युवक से निकाह करने के लिए कहा तो युवक ने इनकार कर दिया। बल्कि पीड़ित पक्ष को गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी भी दी गयी।
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मेडिकल रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पथरी पुलिस ने पीड़िता पक्ष की लिखित शिकायत पर आरोपी नईम पुत्र फैजान निवासी ग्राम घिस्सुपुरा थाना पथरी के खिलाफ निकाह का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने युवक नईम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। संबंधित विवेचक ने युवक के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। सरकारी पक्ष ने गवाही में आठ गवाह पेश किये। जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश किया गया। इस मामले में महिला डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट पुख्ता सबूत साबित हुई। एफटीएस कोर्ट ने नईम को 10 साल कठोर कारावास और 55,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है। एफटीएस कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित लड़की को मुआवजे के रूप में उचित सहायता प्रदान करने का आदेश दिया है।
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