लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भ्रष्टाचार को लेकर बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक चकबंदी अधिकारी समेत विभाग के चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इनमें तीन अकाउंटेंट भी शामिल हैं। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। प्रदेश के चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मऊ जिले में भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन चकबंदी अधिकारी जगदीश कुमार और तीन लेखपाल इंद्रजीत यादव, प्रमोद कुमार पांडे और यशवंत सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना तहसील स्थित सरसेना गांव के एक शिकायती पत्र के संबंध में जब निदेशालय स्तर पर जांच कराई गई तो पता चला कि तत्कालीन चकबंदी अधिकारी जगदीश कुमार, जो वर्तमान में बलिया में तैनात हैं, ने 30 जून को एक आदेश पारित किया था। भूमि के लिए भूमि आरक्षित कर खातेदारों को अनुचित लाभ दिया गया तथा यह आरक्षण चकबन्दी समिति के प्रस्ताव के बिना तथा ग्राम सभा को कोई सूचना दिये बिना पारित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस अनियमितता के कारण तत्कालीन चकबंदी अधिकारी जगदीश कुमार को निलंबित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गयी है।
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साथ ही तत्कालीन चकबंदीकर्ता इंद्रजीत यादव, जो वर्तमान में संतकबीरनगर में तैनात हैं, को गाटा संख्या 1278, 1275 व 1279 के आंकड़ों में गड़बड़ी कर शिकायतकर्ता को नुकसान पहुंचाने तथा अन्य खातेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने का दोषी पाया गया। इसके अतिरिक्त चकबंदी लेखपाल प्रमोद कुमार पांडे एवं यशवन्त सिंह को निलम्बित करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज कराते हुए अन्तिम अभिलेख एवं मानचित्र में हुई त्रुटियों को दूर करने हेतु जिलाधिकारी एवं जिला उपनिदेशक चकबन्दी से अनुरोध किया गया।
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