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WPI: 20 महीने के निचले स्तर पर थोक महंगाई, 10.7% से घटकर 8.39% पर पहुंची

नई दिल्लीः लम्बे समय से महंगाई से जूझ रहे आम जनता को जल्द इससे राहत मिल सकती है। दरअसल भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) अक्टूबर में मार्च 2021 के बाद सबसे निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है। इसका मुख्य कारण कमोडिटी की कीमतों में गिरावट को माना जा रहा है। यह भी पहली बार था कि थोक मुद्रास्फीति 18 महीनों में दो अंकों के निशान से नीचे गिर गई। मई 2022 में यह 15.88 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। अक्टूबर 2021 में यह 13.83 प्रतिशत थी।

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, अक्टूबर 2022 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेल, बुनियादी धातु, गढ़े हुए धातु उत्पाद, मशीनरी व उपकरण, कपड़ा, अन्य गैर-धात्विक खनिज उत्पाद, खनिज आदि की कीमतों में गिरावट के कारण आई है। प्राथमिक वस्तुओं में मुद्रास्फीति 11.04 प्रतिशत थी, जबकि अक्टूबर 2021 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 0.06 प्रतिशत से बढ़कर 8.33 प्रतिशत हो गई।

बता दें कि पिछले दिनों एक कार्यक्रम में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि सरकार और आरबीआई महंगाई कम करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। आरबीआई की ओर से ब्याज दरों को बढ़ाया गया है, जबकि सरकार मे चीजों की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर काम किया है। जिससे अक्टूबर में मार्च 2021 के बाद सबसे निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है। इससे पहले मार्च 2021 में थोक महंगाई 7.89 प्रतिशत पर थी। इसके साथ ही देश के कोर सेक्टर में महंगाई घटकर 4.6 प्रतिशत रह गई है। सितम्बर में यह करीब 7 प्रतिशत थी।

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