नई दिल्लीः विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है। फोटोग्राफी एक जुनून है। इसका उद्येश्य तस्वीरों के माध्यम से अपनी दुनिया को बाकी दुनिया से रूबरू कराना है। यह एक सालाना वैश्विक उत्सव है जिसमें फोटोग्राफी के इतिहास, इसकी कला, शिल्प और विज्ञान का प्रदर्शन किया जाता है। चूंकि आज कल सोशल मीडिया का जमाना है।
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विश्व फोटोग्राफी दिवस का मुख्य उद्देश्य
हालांकि समय के साथ फोटोग्राफी का तरीका भी अब पूरी तरह बदल गया है। कैमरा रील से होते हुए फोटोग्राफी डिजिटल हो चुकी है। डिजिटलाइजेशन होने से फोटोग्राफी आसान भी हुई है। खासकर स्मार्टफोन में अब पावरफुल कैमरा लेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये लेंस किसी प्रोफेशनल कैमरे को भी मात दे देते हैं।
विश्व फोटोग्राफी दिवस का मुख्य उद्देश्य इस फील्ड में काम करने वाले लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना और उनके काम को प्रोत्साहित करना है। आज फोटोग्राफी एक शानदार करियर विकल्प के रूप में उभरा है जिसमें शानदार कमाई भी हो रही है। करोड़ों लोगों के लिए फोटोग्राफी कमाई का जरिया बना है।
आज से करीब 25 से 30 साल पहले की बात करें तो बहुत से लोगों के पास कैमरा तक नहीं था, जिससे वो अपनी तस्वीरें खींच कर उन्हें यादगार के तौर पर रख सकें, लेकिन आज लगभग सभी के पास मोबाइल रूपी कैमरा उपलब्ध है, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच सकते हैं और उन्हें यादगार के तौर पर सहेज कर रख सकते हैं।
फोटोग्राफी का इतिहास
दरअसल विश्व फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत 2010 में हुई थी लेकिन इससे जुड़ा इतिहास बहुत पुराना है। फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने 9 जनवरी, 1839 को फोटोग्राफी की एक तकनीक डॉगोरोटाइप प्रक्रिया को विकसित किया था। इसे दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है। 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की थी और इसका पेटेंट भी प्राप्त किया था। इसी दिन की याद में ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ यानी ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ मनाया जाता है।
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182 साल पहले ली गई थी पहली सेल्फी
आज भले ही सेल्फी लेना भले ही आम हो गया हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली ‘सेल्फी’ कब ली गई थी और किसने ली थी? बताया जाता है कि आज से 182 साल पहले यानी वर्ष 1839 में अमेरिका के रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने दुनिया की पहली ‘सेल्फी’ क्लिक की थी। हालांकि उस समय, सेल्फी क्या होती है, यह कोई जानता भी नहीं था। रॉबर्ट कॉर्नेलियस की वह तस्वीर आज भी यूनाइटेड स्टेट लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस प्रिंट में सहेज कर रखी गई है।
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