बेंगलुरु: पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पुलिस बल के भगवाकरण और नैतिक पुलिसिंग का समर्थन करने वाले बयानों पर कटाक्ष करते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं देगी। यहां विधान सौदा में पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि भगवाकरण क्यों नहीं? एथिकल पुलिसिंग क्यों नहीं? लेकिन हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे।
पुलिस विभाग की है शानदार छवि
शिवकुमार ने विस्तार से बताया कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए, चाहे वह कांग्रेस कार्यकर्ता हो या किसी अन्य राजनीतिक दल का कार्यकर्ता। पुलिस को कानून की रक्षा करनी चाहिए। जैसा कि मैंने कल (पुलिस अधिकारियों की बैठक में) कहा था, तीन-चार जगहों पर पुलिस विभाग के पूरे स्टाफ ने वर्दी के बजाय एक राजनीतिक एजेंडे का प्रतिनिधित्व करते हुए तस्वीरें खिंचवाईं और कपड़े पहने। संविधान ऐसा नहीं कहता है, और यह कानून के अनुरूप भी नहीं है। कर्नाटक में पुलिस विभाग की शानदार छवि है। हालांकि, उन्होंने पूर्व गृह मंत्री अरागा जनेंद्र के एक बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह पुलिस अधिकारियों पर हावी होने लगे हैं। उन्होंने कहा, लोगों ने चुनाव में अरागा जनेंद्र और उनकी सरकार को करारा जवाब दिया है। मेरे पास उनके बयानों का जवाब देने का समय नहीं है।
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भगवाकरण मामले में कही ये बात
उपमुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पार्टी के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रियांक खड़गे को भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने पर तलब किया गया था। शिवकुमार ने कहा, कितने लोगों को तलब किया है? दूसरे क्यों नहीं? क्या उसे इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह दलित है? क्या वह कांग्रेस विधायक हैं? पुलिस को कानून के मुताबिक काम करना होता है, देश पहले आता है। शिवकुमार ने मंगलवार को कर्नाटक के पुलिस अधिकारियों की आलोचना की और उनसे राज्य पुलिस विभाग का भगवाकरण करने की कोशिश करने के लिए सवाल किया। उन्होंने जोर देकर कहा, क्या आप पुलिस विभाग का भगवाकरण करने की तैयारी कर रहे हैं? हम इसे अपनी सरकार के तहत अनुमति नहीं देंगे। हम जानते हैं कि मेंगलुरु, बीजापुर (विजयपुरा), बागलकोट के पुलिस अधिकारी कैसे भगवा रंग पहनकर थाने पहुंचे।
शिवकुमार ने पुलिस अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा, “आपको भगवा शॉल पहनकर इस सभा में आना चाहिए था।” उन्होंने कहा कि अगर उन्हें देशभक्त बनना है तो उन्हें राष्ट्रध्वज पहनकर काम पर आना चाहिए था। उपमुख्यमंत्री ने दोहराया, हम पुलिस विभाग का भगवाकरण नहीं होने देंगे। कल्पना कीजिए कि अगर एडीजीपी रैंक का कोई अधिकारी पीएसआई भर्ती घोटाले में ओएमआर शीट बनाने में शामिल होता तो पुलिस विभाग किस स्तर तक गिर जाता, शिवकुमार ने पूछा। उनके बयानों पर बोम्मई और ज्ञानेंद्र की तीखी प्रतिक्रिया हुई।
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