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कोल गढ़ी का जीर्णोद्धार, शिक्षा व रोजगार… CM ने कोल समाज को दी सौगातें

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भोपाल : मध्यप्रदेश की अमूल्य आदिवासी विरासत से समृद्ध कोल जनजाति (Kol Tribe) के महत्व को रेखांकित करने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित कोल जनजाति सम्मेलन (Kol tribe conference) में कहा, ‘कोल गढ़ी का पुनर्निर्माण 9 जून को’ त्योंथर में भगवान बिरसा का बलिदान दिवस से शुरू होगा। सिर्फ कोयला गढ़ी का शिलान्यास ही नहीं होगा, हम कोल समाज का सम्मान लौटाने का काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने त्योंथर के कोल गढ़ी के जीर्णोद्धार के लिए 3.12 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी। उन्होंने कहा कि ‘भगवान बिरसा हमारे कुल पुरुष हैं, हम उनके चरणों में नमन करते हैं। हमारी भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तय किया है कि हर साल भगवान बिरसा की जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोल जनजाति (Kol Tribe) के हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ वितरित किया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में आदिवासी जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की-

आवासीय जमीन सरकार देगी –

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा है कि कोल समाज (Kol Tribe) के गरीब भाइयों के लिए मकान की जरूरत को पूरा करने के लिए सर्वे के बाद भूमि अधिकार अधिनियम के तहत सभी को आवासीय जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। कोयला समाज के जनप्रतिनिधियों की सूची बनाएं, उसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण में सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा, जरूरत पड़ी तो हम आवास के लिए अलग से योजना बनाएंगे।

कोचिंग और कॉलेज की फीस सरकार देगी-

सीएम शिवराज ने कोयला समुदाय के बच्चों की पढ़ाई और इंजीनियरिंग व मेडिकल की सरकारी नौकरियों और प्रवेश परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग स्थापित करने की भी घोषणा की। समाज के बच्चों की मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की फीस सरकार भरेगी। उनके किराए के मकान का किराया भी सरकार देगी। समाज के बच्चे यदि उद्योग धंधों में प्रवेश करेंगे तो सहायता मिलेगी।

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इलाज की जिम्मेदारी अब सरकार की –

शिवराज ने कहा कि कोल समुदाय (Kol Tribe) के युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ आठ हजार रुपये भत्ता भी दिया जाएगा। 10 जून से लाडली बहना योजना के माध्यम से कोल सोसायटी की बहनों के खातों में हर माह एक हजार रुपये भेजे जायेंगे। गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज की जिम्मेदारी भी सरकार उठाएगी।

मप्र की तीसरी सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति –

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मुख्यतः रीवा, सतना, शहडोल, सीधी, पन्ना एवं सिंगरौली जिलों में कोल जनजाति (Kol Tribe) की 10 लाख से अधिक जनसंख्या निवास करती है। कोल जनजाति उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी निवास करती है। यह खरवार समूह की प्राचीन जनजाति है। वह अपना संबंध राम भक्त शबरी माता से मानते हैं। महर्षि पाणिनि के अनुसार कोल शब्द की उत्पत्ति ‘कुल’ से हुई है, जिसका अर्थ ‘सर्व’ है।

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