नई दिल्लीः नवजात से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों के लिए उनकी मां से मिलने वाला दूध उनका सर्वोत्तम आहार होता है। महिलाओं को सलाह दी जाती है कि शिशु जन्म के समय उनमें बनने वाला पहला पीला गाढ़ा दूध कैलेस्ट्रोम अपने बच्चों को अवश्य पिलायें। यह शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है जो आगे चलकर शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में काफी सहायक सिद्ध होता है। यही नहीं अपने शिशु को मां द्वारा स्तनपान कराने से मां को स्तन कैंसर होने का खतरा कम तो होता ही है, साथ में माताओं के प्रसवोत्तर शारीरिक पुनर्गठन में काफी सहायता मिलती है। इस प्रकार स्तनपान यानि अपने बच्चों को उनकी माता द्वारा दूध पिलाया जाना सभी प्रकार से लाभदायक है। लेकिन कई महिलाओं को प्रसव के बाद ब्रेस्ट मिल्क न बनने की समस्या हो जाती है। जिससे उसे और उसके बच्चे को कई समस्याओं को सामना करना पड़ता है। खासकर इसका सीधा असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसीलिए बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों, दूध और कुछ खास मसालों को शामिल करना चाहिए। ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को अपनी डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए।
मछली- मछली सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी12, विटामिन डी और ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साल्मन और सार्डिन मछलियों का सेवन ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन में भी मदद करता है। साथ ही प्रसव के बाद होने वाली समस्याओं को भी दूर करता है।
साबुत अनाज- साबुत अनाज में फाइबर, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया है। साबुत अनाज में आयरन में काफी मात्रा में पाया जाता है। जिससे ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के साथ ही उनके बच्चे का भी स्वास्थ्य बेहतर होता है। साथ ही बच्चे को जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाते हैं।
अंडा-स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अंडा भरपूर आहार होता है। अंडा में प्रोटीन, विटामिन 12, विटामिन डी, ल्युटिन, राइबोफ्लैविन, फोलेट जैसे कई पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इसीलिए बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को अपनी डाइट में अंडों को भी शामिल करना चाहिए।
दालें-दाल प्रोटीन, आयरन और फाइबर का बेहतरीन सोर्स माना जाता है। इसीलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने भोजन में हर तरह की दाल को शामिल करना चाहिए। इससे बच्चे को भी जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे। साथ ही दाल को खाने से गैस की दिक्कत भी दूर हो जाती है।
दही- दही में शरीर के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया पाये जाते है। दही में प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसमें प्रोबायोटिक प्रॉपर्टी भी पायी जाती है। जिससे स्तनपान कराने के दौरान आपका पाचन बेहतर रहता है। लेकिन इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि दही का सेवन संयमित मात्रा में ही करें।
नट्सः प्रेग्नेंसी के बाद ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए सभी तरह के नट्स का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। नट्स में प्रोटीन, फाइबर, फैट, विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
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हरी पत्तेदार सब्जियां-हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन, कैल्शियम, फाॅस्टफोरस समेत कई खनिज तत्व पाये जाते हैं जोकि बच्चे और मां की सेहत के लिए काफी लाभकारी होते हैं। इसीलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने भोजन में पालक, सोया-मेथी, ब्रॉकली जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
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